चित्र साभार गूगल |
सभी को अग्रिम हार्दिक शुभकामनायें
एक गीत -करवा चौथ
एक चौथ का
चाँद गगन में
अनगिन नदी किनारे.
कहाँ स्वर्ग में
ऐसी
पूरनमासी होती प्यारे.
कठिन निर्जला
व्रत सरिता के
तीर सुहागिन प्यासी,
हर की पैड़ी
उज्जयिनी, पटना
प्रयाग या काशी,
घूँघट का
पट खोल प्रियतमा
चलनी चाँद निहारे.
सत्यम, शिवम
सुन्दरम शिव हैँ
कालकूट पी जाते,
माँ अन्नपूर्णा
गौरी के संग
सबका भाग्य जगाते,
स्वर्ण महल
भक्तों को देकर
अपना वदन उघारे.
सँवरा सँवरा
सात्विक मौसम
मद्धिम सुर संतूरी
रजत पात्र में
दीप जलाए
गंगा तट सिंदूरी
उतर गए हैँ
झील, सरोवर
सागर नखत, सितारे.
सत्य सनातन
धर्म जहाँ
नारी है वेद स्वरूपा,
अनुसूया के
संग सावित्री
सीता माँ, शतरूपा,
महातपस
शंकराचार्य भी
शक्ति पुंज से हारे.
चित्र साभार गूगल |
कवि जयकृष्ण राय तुषार
करवा चौथ के पावन पर्व पर ऐसी अतिशय सुंदर कविता की प्रशंसा के निमित्त उपयुक्त शब्द कहाँ से लाऊं तुषार जी ?
ReplyDeleteआपको असीम शुभकामनायें सर. हृदय से धन्यवाद
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 1 नवंबर 2023 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteअथ स्वागतम शुभ स्वागतम
आपका हृदय से आभार. आपको ईश्वर सुख समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करें. सादर
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteसादर अभिवादन सर. हार्दिक आभार
Deleteआदरणीय सर , सादर प्रणाम। करवा चौथ पर्व का सौन्दर्य और नारी जाती की महिमा का वर्णन करती बहुत ही सुंदर एवं भावपूर्ण रचना । हमारे सभी पर्व विशेष कर नवरात्रि एवं कोई भी व्रत-पर्व हमें हर रूप में स्त्रीयों एवं कन्याओं का सम्मान करना सिखाते हैं- फिर वह छठ हो , करवा चौथ, तीज या रक्षाबंधन । आपकी यह रचना बहुत ही सुंदर लगी ।
ReplyDeleteसत्य सनातन
धर्म जहाँ
नारी है वेद स्वरूपा,
अनुसूया के
संग सावित्री
सीता माँ, शतरूपा,
महातपस
शंकराचार्य भी
शक्ति पुंज से हारे.
मेरी प्रिय पंक्ति । पुनः प्रणाम ।
आपके सुन्दर कमेंट्स बहुत ही प्रिय लगे. आपको असीम और अशेष शुभकामनायें. आप सदैव सुख समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त करें.
Deleteवाह! बहुत खूबसूरत भावों से सजी रचना ।
ReplyDeleteआपका हृदय से आभार
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