Monday, 23 October 2023

एक गीत -अच्छे मौसम अच्छे साथी कभी -कभी ही खिलते हैं

चित्र साभार गूगल 


एक गीत -

अच्छा मौसम, अच्छे साथी कभी -कभी ही मिलते हैं


अच्छे मौसम

अच्छे साथी

कभी -कभी ही मिलते हैं.

खुशबू वाले

फूल प्रेम की 

टहनी पर ही खिलते हैं.


सफऱ सार्थक

तब होता जब

मरुथल में सौंदर्य दिखे,

अपनी प्यास

भूलकर कोई

चट्टानों की प्यास लिखे,

बाड़मेर हो

या वृंदावन

सबके मार्ग निकलते हैं.


वन हो या 

बंजर, पठार हो

बंज़ारे तो गाते हैं,

आसमान को

छूकर पंछी

धरती पर ही आते हैं,

शिमला, केरल

गोवा सबके

सूर्य साँझ को ढलते हैं.


हर की पैड़ी

काशी, संगम

कितने जीवन जीती है,

यात्रा पथ में

अमृत देकर

गंगा माँ विष पीती है,

कुछ दीपक

आरती थाल में

कुछ लहरों पर जलते हैं.

कवि -जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 


2 comments:

  1. बहुत सुंदर रचना

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन भाई साहब

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