Monday, 15 May 2023

कृतियाँ -न्यायालय में महामना, चौरी -चौरा एवं महामना एट बार


पुस्तकें -चौरीचौरा 'न्यायालय में महामना और
महामना एट बार 


  • पूर्व एडिशनल सॉलीसीटर एवं लेखक श्री अशोक मेहता 



    • इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट एवं लेखक 
    • श्री अशोक मेहता की चर्चित पुस्तकें

    • इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट एवं पूर्व एडिशनल सॉलिसीटर श्री अशोक मेहता जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी है. अधिवक्ता के रूप में जितनी ख्याति है उतनी ही साहित्य और समाज के प्रति उनका लगाव है. लम्बे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े हैँ. काशी हिन्दू विश्व विद्यालय से क़ानून की पढ़ाई करने के कारण महमना से भी बहुत लगाव है. आज ज़ब मैं मिलने गया तो तीन पुस्तकें मुझे स्नेहवश मिलीं एक चौरी चौरा क़ानून की दृष्टि में और दो पंडित मदन मोहन मालवीय के अधिवक्ता के रूप में और उनके कुछ महत्वपूर्ण निर्णय भी शामिल हैँ. इलाहाबाद उच्च न्यायालय विद्वानों की खान रहा है देश के कुछ चुनिंदा उच्च न्यायालयों में इसकी गिनती होती है. न्यायालय में महामना साहित्य भंडार से बाकी दो पुस्तकें तिरुपति इंटरप्राइजेज से प्रकाशित हुई हैँ 30 अप्रैल को हाईकोर्ट बार में माननीय न्यायमूर्ति श्रीमती सुनीता अग्रवाल जी ने इसका विमोचन भी किया था. अशोक मेहता जी को उनकी इन अनमोल कृतियों के लिए बधाई और हार्दिक शुभकामनायें

आदरणीय श्री अशोक मेहता जी से पुस्तक प्राप्त करते हुए 


सीनियर एडवोकेट एवं लेखक श्री अशोक मेहता जी 




6 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा मंगलवार (16-05-2023) को   "काहे का अभिमान करें"   (चर्चा-अंक 4663)   पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा मंगलवार (16-05-2023) को   "काहे का अभिमान करें"   (चर्चा-अंक 4663)   पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  3. हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणी हमारा मार्गदर्शन करेगी। टिप्पणी के लिए धन्यवाद |

एक ग़ज़ल -ख़्वाब किसने भर दिया

  ग़ज़ल  चित्र साभार गूगल  एक ग़ज़ल - जब कभी थककर के लौटा गोद में सर धर दिया  माँ ने अपने जादुई हाथों से चंगा कर दिया  फूल, खुशबू, तितलियाँ, नदि...