चित्र साभार गूगल |
एक देशगान -हर बच्चा गोरा -बादल हो(इतिहास प्रसिद्ध वीर योद्धा जिन्होंने खिलजी से राजा रत्नसेन को मुक्त कराया था )
फिर सरहद पर
हो शंखनाद
तुरही, नक्कारा, मादल हो.
इस भारत माँ
की मिट्टी में
हर बच्चा गोरा -बादल हो.
हल्दी घाटी का
शौर्य देख
इसका हर कण -कण चंदन है,
यह स्वर्ग
यहाँ रामायण
गीता, सीता का अभिनन्दन है,
मुख में
ब्रह्माण्ड लिए कान्हा
मस्तक पर टीका, काजल हो.
निर्मित कर
फिर से नालंदा
संदीपनी आश्रम तक्षशिला,
चाणक्य
गढ़ो फिर चन्द्रगुप्त
घननंदों का साम्राज्य हिला,
केरल हो या कश्मीर
सभी की
झीलों में अब शतदल हो.
जो लक्षागृह तक
जाता हो
हे पाण्डुपुत्र वह मार्ग बदल,
जिसमें
शतरंज शकुनि का हो
उस राजमहल से तुरत निकल,
उस पर
अंकुश से वार करो
जो हाथी मद में पागल हो.
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
चित्र साभार गूगल |
शौर्य को कहती अच्छी रचना ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार. सादर प्रणाम
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (7-6-22) को "पेड़-पौधे लगाएं प्रकृति को प्रदूषण से बचाएं"(चर्चा अंक- 4454) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
------------
कामिनी सिन्हा
हार्दिक आभार आपका. सादर प्रणाम
Deleteबहुत सार्थक और संदेशप्रद अभिव्यक्ति मान्यवर,बधाई👌👌👍👍
ReplyDeleteहार्दिक आभार apka
Deleteदेशभक्ति से पूर्ण सुंदर सृजन
ReplyDeleteप्रेरक अच्छा रचना !!
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 8 जून 2022 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteअथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
>>>>>>><<<<<<<
पुन: भेंट होगी...
हार्दिक आभार आपका
Delete