Wednesday, 1 December 2021

एक ग़ज़ल-कोई गा दे मुझे पीनाज़ मसानी की तरह

 

सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायिका 
पीनाज़ मसानी

एक ग़ज़ल-

कोई गा दे मुझे पीनाज मसानी की तरह 


धूप के साथ में बारिश की कहानी की तरह

तुम हो सहरा में किसी झील के पानी की तरह


कोई पानी नहीं देता उसे मौसम के सिवा

फिर भी जंगल है हरा रात की रानी की तरह


वक्त ने छीन लिया वेश बदलकर सब कुछ

ज़िन्दगी हो गयी है कर्ण से दानी की तरह


मैं भी कहता हूँ ग़ज़ल डूब के तन्हाई में

कोई गा दे मुझे पीनाज़ मसानी की तरह


कब ठहरता यहाँ यादों का सुहाना मौसम

सिर्फ़ कुछ देर रहा आँख के पानी की तरह

कवि /शायर जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल


8 comments:

  1. बहुत ख़ूब तुषार जी, बहुत ख़ूब !

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(०२ -१२ -२०२१) को
    'हमारी हिन्दी'(चर्चा अंक-४२६६)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार आपका अनीता जी।सादर अभिवादन

      Delete
  3. सुंदर प्रस्तुति।

    ReplyDelete
  4. बहुत ही सुन्दर रचना

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार आपका।सादर अभिवादन

      Delete

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