चित्र साभार गूगल |
एक गीत -सर्द मौसम
बर्फ़ में गुलमर्ग
औली
और शिमला है.
सर्द मौसम में
गुलाबी
कोट निकला है.
छतें
स्वेटर बुन रही हैं
भाभियों वाली,
बतकही, चुगली
कड़कती
चाय की प्याली,
लाँन में
हर फूल
खुशबू और गमला है.
हवा ठंडी
काँपती सी
लहर नदियों की,
याद आई
फिर कहानी
कई सदियों की,
चाँद
पूनम का भी
अबकी बार धुंधला है.
पेड़ से
उड़कर जमीं
पर लौट आए हैं,
ओंस में
भींगे परिंदे
कुनमुनाये हैं,
मौसमी
दिनमान
का भी रंग बदला है.
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
चित्र साभार गूगल |