Wednesday, 12 February 2025

एक प्रेमगीत -उसकी यादों में मैं गीत सुनाता हूँ

 

चित्र साभार गूगल 

आप सभी का दिन शुभ हो 

एक प्रेम गीत -उसकी यादों में मैं गीत सुनाता हूँ 


आसपास है कोई 

जिसको ख़बर नहीं 

उसकी यादों में 

मैं गीत सुनाता हूँ.


हँसी होंठ पर और 

आँख में पानी है,

मौसम भी ये गीतों 

भरी कहानी है,

तितली, फूल, पतंगे, 

बारिश में जुगनू 

मैं अपनी कविता में 

यही सजाता हूँ.


मुझे देख रुपसियों ने 

श्रृंगार किया,

मैं दरपन था मुझसे 

किसने प्यार किया,

मिटी नहीं तसवीर 

सुनहरी यादों की 

मैं अलिखित पत्रों में 

फूल सजाता हूँ.


यात्राओं में मिला 

मगर संवाद नहीं,

इंद्रधनुष को 

बंज़रपन की याद नहीं,

नये नये चंदन वन 

की ये खुशबू है 

मैं खुशबू के साथ 

नहीं उड़ पाता हूँ.


हर मौसम में देखे 

नदियों की धारा,

सामवेद कैसे गाता 

मैं बंजारा,

वीणा संग मृदंग और 

कुछ मादल भी 

वंशी लेकर वृन्दावन 

तक जाता हूँ.

चित्र साभार गूगल 
कवि जयकृष्ण राय तुषार 


6 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 13 फ़रवरी 2025 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन

      Delete
  2. वाह! बेहतरीन रचना ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका हृदय से आभार. सादर अभिवादन

      Delete
  3. बहुत खूबसूरत रचना

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणी हमारा मार्गदर्शन करेगी। टिप्पणी के लिए धन्यवाद |

एक गीत -गुलमोहर खिलते हुए

  गुलमोहर चित्र साभार गूगल एक गीत -गुलमोहर खिलते हुए  ग्रीष्म के  तपते हुए दिन  गुलमोहर खिलते हुए. आइये  कुछ मुस्कुरा लें  सफ़र में चलते हुए....