Monday, 17 February 2025

एक गीत-दिल्ली में यमुना का उत्सव

 

चित्र साभार गूगल 



एक गीत -दिल्ली में यमुना का उत्सव 

दिल्ली में यमुना की सफाई पर नई सरकार की पहल सराहनीय है. देश की नदियाँ हमारे पर्व उत्सव और जीवन को उल्लासमय बनाती हैं. सभी नदियों को सम्मान और आदर देना होगा तभी सृष्टि बचेगी.


दिल्ली में 

यमुना के जल में 

शंख बजाते लोग.

कालिंदी की 

मुक्ति के लिए 

मन्त्र सुनाते लोग.


इंसानों की 

बस्ती जल में 

गाद भर गयी है,

कृष्ण प्रिया की 

रोते -रोते 

आँख भर गयी है,

पंडित के 

संग फिर पूजा की 

थाल सजाते लोग.


नदियाँ अगर 

मृत हुईं 

उत्सव कहाँ मनाएंगे,

किसके 

तट पर व्यास 

भागवत कथा सुनाएंगे,

द्वापर जैसा 

यमुना जल में 

कहाँ नहाते लोग.


मगरमच्छ मत 

बनिए, बनिए 

भक्त भगीरथ सा, 

हर सरिता का 

घाट सजे फिर 

पावन तीरथ सा,

कंस मरा 

फिर यमुना तट पर 

फूल चढ़ाते लोग.


हरी दूब के 

दिन फिर लौटे 

प्रातः वंदन है,

एक उपेक्षित 

माँ का घर में फिर 

अभिनंदन है,

संध्याओं को 

लहर -लहर पर 

दीप जलाते लोग.


कवि -जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 


10 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में गुरुवार 20 फरवरी 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर प्रणाम

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  2. वाह! बहुत सुंदर।

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  3. यमुना के बदलते परिदृश्य पर सुंदर रचना

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर प्रणाम

      Delete
  4. वाह! बेहतरीन!

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन

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  5. वाह! बहुत खूब।

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