सभी को दीपावली प्रसन्नता, रिद्धि सिद्धि ऐश्वर्य, सुख सौभाग्य प्रदान करे. रोगी को स्वस्थ करे. उदासी को मोहक मुस्कान प्रदान करे. संत को भगवान प्रदान करे. राष्ट्र को अपराजेय बनाये और शक्ति प्रदान करे. वन्देमातरम.
चित्र साभार गूगल |
एक गीत
नदी -घाट सीढ़ियाँ सजाये
अंजुरी में
दीप जगमगाये
सुधियों में भीमसेन गाये.
भाभी का
गोरा मुख चन्द्रमा
माँ जैसे फूलों की थाली,
वेदमंत्र बाँचते पिता
आरती सजाये घरवाली,
रामज्योति
सरयू को भाये.
मौसम के
तेवर भी बदले
धान हरे झूमते अगहनी,
गेंदा, गुड़हल
गुलाब महके
इत्र गंध वाली हर टहनी,
यमुना तट
बांसुरी बजाये.
एक अमॉ
ऐसी भी प्यारे
हार गयी पूनम की रातें,
द्वार द्वार अल्पना
रंगोली
मधुर मधुर हँसी और बातें,
नदी -घाट
सीढ़ियाँ सजाये.
पर्वत की
जगमग सी घाटी
देवदार देर तक निहारे,
गढ़वाली
शिमला, कश्मीरी
मीनाक्षी काजल को पारे,
मन काशी
तन प्रयाग जाये.
चित्र साभार गूगल |
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शनिवार 11 नवंबर 2023 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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हार्दिक आभार आपका.
Deleteखूबसूरत गीत। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
Deleteखूबसूरत रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
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