चित्र साभार गूगल माननीय योगी जी और माननीय प्रधानमंत्री जी |
चित्र साभार गूगल |
समस्त देशवासियों एवं प्रवासी भाइयों को प्रकाश पर्व दीपावली की बधाई और हार्दिक शुभकामनायें
एक गीत -दीवाली पर दीप जलाता मेरा हिंदुस्तान
दीवाली पर दीप जलाता
मेरा हिंदुस्तान.
सबके दिल में रंग सजाता
मेरा हिंदुस्तान.
भाषा, बोली, और विविधता
सारे रंग समाये हैँ,
मेल -जोल के गीत यहाँ तो
बंजारे भी गाये हैँ,
जो भी इस रंग में शामिल है
उन सबका सम्मान.
ओ माटी के दीपक जलना
खेत और खलिहानों में,
घर -आँगन में उजियारा हो
उजियारा बगानों में,
जब -जब दीप जलेगा टूटेगा
तम का अभिमान.
विश्व गुरु हो भारत
जल -थल -नभ में हो खुशहाली,
पशु -पंछी सबके होठों पर
हो अमृत की प्याली,
मरुथल में भी बादल बरसे
रहे न नखलिस्तान.
सत्य सनातन, संस्कृति अपनी
इसका रंग निराला,
मंत्र, हवन, फुलझड़ियों के संग-
गेंदा, गुड़हल,माला,
हवा साथ में लिए घूमती है
चंदन, लोबान.
कवि जयकृष्ण राय तुषार
चित्र साभार गूगल |
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (22-10-2022) को "आ रही दीपावली" (चर्चा अंक-4588) पर भी होगी।
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कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका.
Deleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति और कामना, वाह वाह।
ReplyDeleteशुभ दीपावली. हार्दिक आभार आपका
Deleteआलोकमय गीत दीपावली को और मधुर करता हुआ। सुन्दर रचना।
ReplyDeleteहार्दिक आभार. आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (22-10-22} को "वीरों के नाम का दिया"(चर्चा अंक-4589) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
आपका हृदय से आभार
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