Sunday, 22 December 2019

एक गीत -राम- कृष्ण -गंगा की धरती भारत ! इसे प्रणाम करो




एक गीत -राम -कृष्ण -गंगा की धरती भारत !
इसे प्रणाम करो 

राम-कृष्ण 
गंगा की धरती भारत !
इसे प्रणाम करो |
जिस मिटटी में 
जन्म लिए 
यह जीवन उसके नाम करो |

हमें प्रज्ज्वलित 
करना है फिर 
बुझती हुई मशालों को ,
दन्तहीन 
करना होगा 
अब सारे विषधर व्यालों को ,
इसे द्वारिका पुरी 
बना दो 
या सरयू का धाम करो |

खतरे में है 
देश हमारा 
पढ़े -लिखे गद्दारों से ,
षड्यन्त्रों की 
बू आती है 
मजहब की दीवारों से ,
देश विरोधी 
गतिविधियों से 
इसको मत बदनाम करो |

भारत सबका 
आश्रयदाता 
सबसे साथ निभाता है ,
एक साथ सूफ़ी 
गुरुवाणी 
कीर्तन मौसम गाता है ,
संविधान का 
आदर करना 
सीखो मत संग्राम करो |

सभी चित्र -साभार गूगल 

14 comments:


  1. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार २४ दिसंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    ReplyDelete
  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (24-12-2019) को    "अब नहीं चलेंगी कुटिल चाल"  (चर्चा अंक-3559)   पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

    ReplyDelete
  3. वाह! बहुत बढ़िया। तात्कालिक परिस्थिति में सार्थक संदेश दे रही है रचना।

    ReplyDelete
  4. वाह !लाज़वाब सृजन आदरणीय
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. अनीता जी आपका हार्दिक आभार

      Delete
  5. वाह!!!
    बहुत ही सुन्दर गीत

    ReplyDelete
    Replies
    1. सुधा जी आपका हार्दिक आभार

      Delete
  6. सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  7. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  8. लाज़वाब सृजन आ. 🙏 🙏 🙏 सादर
    मेरे ब्लॉग पर भी पधार कर अनुग्रहित करें https://Sudhaa1075.blogspot.com

    ReplyDelete
    Replies
    1. आभार आपका |आपका ब्लॉग देखा अच्छा लगा कमेंट्स भी किया

      Delete

आपकी टिप्पणी हमारा मार्गदर्शन करेगी। टिप्पणी के लिए धन्यवाद |

एक ग़ज़ल -नया साल

  चित्र साभार गूगल  एक ग़ज़ल -आगाज़ नए साल का भगवान नया हो  मौसम की कहानी नई उनवान नया हो  आगाज़ नए साल का भगवान नया हो  फूलों पे तितलियाँ हों ब...