Sunday 14 August 2016

एक गीत -राष्ट्रीय एकता के नाम -वह देश बड़ा हो जाता है

चित्र -गूगल से साभार 
चित्र -गूगल से साभार 



कोई भी देश मात्र अपनी भौगोलिक सीमाओं ,नदियों ,विशाल पर्वतों से बड़ा नहीं होता बड़ा होता है वह अपनी समरसता विविधता से बड़ा होता है सर्वधर्म समभाव से ,बड़ा होता है वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ,बड़ा होता है अपनी कला और संस्कृति से ,बड़ा होता है अपनी अच्छी परम्पराओं से ,लोकरंगों से ,बड़ा होता है सबको साथ लेकर चलने से |भारत भी ऐसा एक विविध रंगों वाला देश है जो सदियों से अतिथि प्रेमी रहा है |यहाँ विविधता है और यही हमारी सबसे बड़ी पहचान है |जय हिन्द जय भारत |
एक गीत -
वह देश बड़ा हो जाता है

सब धर्म जहाँ 
मिलकर रहते 
वह देश बड़ा हो जाता है |
जिसकी मिटटी 
में कई रंग 
समझो वह भारत माता है |

जिसके होठों पर 
हिंदी संग उर्दू 
बांग्ला गुजराती है ,
जो तमिल ,तेलगू ,
मलयालम ,
कन्नड़ में गीत सुनाती है ,
उत्तर -पूरब 
का लोकरंग 
सबकी आँखों को भाता है |

चकबस्त ,फ़िराक 
जहाँ उर्दू के 
शायर  माने जाते हैं ,
जिसमें नज़ीर 
रसखान कृष्ण की 
लीलाओं को गाते हैं ,
कुछ है इसमें 
जहाँ   मार्क टुली भी 
आकर  के बस जाता है |

यह ताना -बाना 
बना रहे सब 
मिलकर यही दुआ करना ,
इसके सांचे में 
चुन- चुनकर 
जितना सम्भव हो रंग भरना ,
हो मिलन प्रेम का 
जहाँ क्षितिज पर 
इन्दधनुष बन जाता है |


चित्र -गूगल से साभार

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