Thursday, 24 December 2015

एक गीत -कुछ सपना नया सजाना है

चित्र -गूगल से साभार 


मित्रों नव वर्ष आप सभी के लिए शुभ और मंगलमय हो दुनिया भर में शांति कायम हो |सब कुछ अच्छा हो |सब कुछ सुहाना हो |
एक गीत -नया साल आया है 

नया साल आया है 
इसको गले लगाना है |
इसकी आँखों में कुछ 
सपना नया सजाना है |

हरियाली हो ,फूलों का 
हर रस्ता रहे ठिकाना ,
मिलने -जुलने का हम 
हर दिन ढूंढे नया बहाना ,
प्यार -मोहब्बत का 
सबको पैगाम सुनाना है |

वन में हिरनी भरे कुलांचे 
चिड़िया आंगन चहके ,
कोई अपनी राह न भूले 
कोई कदम न बहके ,
सीधी -सादी कोई 
सुन्दर राह बनाना है |

हर उत्सव में शामिल होंगे 
हम सब हैं सैलानी ,
याद रहे रसखान ,सूर 
तुलसी ,मीरा की बानी ,
मौसम कोई हो 
हंसकर के हाथ मिलाना है |

रहे सलामत देश ,देश का 
सुन्दर ताना -बाना ,
सब कुछ भूलें याद रहे 
आज़ादी का अफ़साना ,
भारत माँ के चरणों में 
कुछ फूल चढ़ाना है |
चित्र -गूगल से साभार 

7 comments:

  1. बहुत सुदर सृजन मित्र बधाई

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  2. बहुत सुदर सृजन मित्र बधाई

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  3. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 25 दिसम्बर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  4. आप सभी का हृदय से आभार

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  5. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (25-12-2015) को ""सांता क्यूं हो उदास आज" (चर्चा अंक-2201) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  6. सुन्दर रचना

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