Monday, 21 December 2015

एक गीत -आया है नया साल


चित्र -गूगल से साभार 

एक गीत -आया है नया साल 
आया है नया साल 
चलो खुशियाँ मनाएं |
कुछ मान -मनौती लिए 
संगम में नहाएँ |

क्यारी में खिलें फूल 
तो खेतों में फसल हो ,
सागर से जो निकले तो 
हो अमृत न गरल हो ,
चिड़ियों की चहक 
फूलों की खुश्बू को बचाएं |

ईमान से मेहनत से 
तरक्की हो हमारी ,
इस देश की मिटटी तो 
है देवों को भी प्यारी ,
हम याद करें अपने 
शहीदों की कथाएं |

हर भूखे को रोटी मिले 
इक थाली हो ऐसी ,
निर्बल को सहारा मिले 
खुशहाली हो ऐसी ,
अब सरहदें दुनिया की 
नहीं खून बहाएं |
चित्र -गूगल से साभार 

3 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 22 दिसम्बर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  2. बेहद प्रभावशाली,सामयिक रचना......बहुत बहुत बधाई.....

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