Sunday, 22 December 2013

एक गीत -खिड़कियों के पार का मौसम

चित्र -गूगल से साभार 
खिड़कियों के पार का मौसम 


खिड़कियों के 
पार का 
मौसम बदलता है |
मगर 
मन के शून्य में 
कुछ और चलता है |

यह दिसम्बर 
रहे या फिर 
जनवरी आये ,
भीड़ को 
गोवा या केरल ,
मदुरई भाये ,
जहाँ 
दरिया है वहीं 
टापू निकलता है |

फूल से 
जादा उँगलियों की 
महक भाती ,
धुंध में 
आकाश में 
चिड़िया नहीं गाती ,
घने बादल 
चीरकर 
सूरज निकलता है |

ये पेड़ 
आंधी या 
बवंडर से नहीं डरते ,
विषम 
मौसम में 
नहीं ये ख़ुदकुशी करते ,
मौन से 
संवाद 
कर लेना सफलता है |
चित्र -गूगल से साभार 

18 comments:

  1. मौन से
    संवाद
    कर लेना सफलता है...

    अंदर का मौसम ज्यादा प्रभावित करता है हमें...

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  2. //मगर
    मन के शून्य में
    कुछ और चलता है |//

    या फिर,
    // मौन से
    संवाद
    कर लेना सफलता है //

    बहुत सही.. .

    आज अचानक टहलता हुआ ही सही आया, अच्छा लगा. आपको भी लगा हो.
    शुभ-शुभ

    -सौरभ पाण्डेय, नैनी, इलाहाबाद (उप्र)

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  3. भाई वाणभट्ट जी भाई सौरभ जी कमेंट्स और ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया |

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  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (23-12-13) को "प्राकृतिक उद्देश्य...खामोश गुजारिश" (चर्चा मंच : अंक - 1470) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. मौन से
    संवाद
    कर लेना सफलता है |

    umda..lekhan

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  6. दृश्य बड़े मन को भाते हैं, जो चुपके से दिख जाते हैं।

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  7. बहुत ही खूब ... मौन से संवाद हो जाए तो सब कुछ सफल ... सुन्दर नवगीत ...

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  8. बहुत सुन्दर गीत... मन की खिडकियों के पार का दृश्य उपस्थित करता..

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  9. जहाँ
    दरिया है वहीं
    टापू निकलता है--

    बहुत सुन्दर ! बधाई इस सुन्दर गीत के लिए

    ~सादर

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  10. मौन संबाद अर्थात आत्म बातचीत ....सबसे उत्तम बातचीत !
    नई पोस्ट चाँदनी रात
    नई पोस्ट मेरे सपनों का रामराज्य ( भाग २ )

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  11. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति,भावपूर्ण पंक्तियाँ, ! बधाई इस रचना के लिए ...!
    =======================
    RECENT POST -: हम पंछी थे एक डाल के.

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  12. आपकी इस प्रस्तुति को आज की बुलेटिन बदसूरत बच्चा और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  13. शाख से टूटी पत्तियां
    छोड़ गए बसेरा पंछी
    ठूँठ हो गया पेड़
    नहीं करता आत्महत्या !
    मौन के संवाद में
    प्रार्थना के बोल कही !

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  14. Bahut hi khoobsoorat bimbon ke madhyam se mausam aur manasthiti ko darshaya hai!! Sundar!!

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  15. आप सभी का हृदय से आभार |

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