Monday, 30 December 2013

एक गीत -तारीख़ें बदलेंगी सन् भी बदलेगा

चित्र -गूगल से साभार 
एक गीत -
तारीख़ें बदलेंगी सन् भी बदलेगा 
तारीख़ें 
बदलेंगी 
सन्  भी बदलेगा |
सूरज 
जैसा है 
वैसा ही निकलेगा |

नये रंग 
चित्रों में 
भरने वाले होंगे ,
नई कहानी 
कविता 
नये रिसाले होंगे ,
बदलेगा 
यह मौसम 
कुछ तो बदलेगा |

वही 
प्रथाएं 
वही पुरानी रस्में होंगी ,
प्यार 
मोहब्बत -
सच्ची ,झूठी क़समें  होंगी ,
जो इसमें 
उलझेगा  
वह तो फिसलेगा |

राजतिलक 
सिंहासन की 
तैयारी होगी ,
जोड़- तोड़ 
भाषणबाजी 
मक्कारी होगी ,
जो जीतेगा 
आसमान 
तक उछलेगा |

धनकुबेर 
सब पेरिस 
गोवा जायेंगे ,
दीन -हीन 
बस 
रघुपति राघव गायेंगे ,
बच्चा 
गिर गिर कर 
जमीन पर सम्हलेगा  |

8 comments:

  1. सच है, बदलेगी तो बस तारीख जीवन तो वैसे ही चलेगा...!

    सुन्दर गीत!

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  2. प्राकृति के सामने क्या नया क्या पुराना ... सुन्दर रचना ...

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  3. अति उत्तम रचना...
    बहुत बेहतरीन...
    नववर्ष कि हार्दिक शुभकामनाएँ ...
    http://mauryareena.blogspot.in/
    :-)

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  4. बहुत बढ़िया सामयिक प्रस्तुति...आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...

    नयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-तुमसे कोई गिला नहीं है

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  5. इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है... लाज़वाब कविता...

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  6. आप सभी का हृदय से आभार |नववर्ष की असीम शुभकामनाएँ |

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  7. आपकी इस ब्लॉग-प्रस्तुति को हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ कड़ियाँ (1 जनवरी, 2014) में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,,सादर …. आभार।।

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  8. शुभकामनायें..

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