चित्र -गूगल से साभार |
एक गीत -
तारीख़ें बदलेंगी सन् भी बदलेगा
तारीख़ें
बदलेंगी
सन् भी बदलेगा |
सूरज
जैसा है
वैसा ही निकलेगा |
नये रंग
चित्रों में
भरने वाले होंगे ,
नई कहानी
कविता
नये रिसाले होंगे ,
बदलेगा
यह मौसम
कुछ तो बदलेगा |
वही
प्रथाएं
वही पुरानी रस्में होंगी ,
प्यार
मोहब्बत -
सच्ची ,झूठी क़समें होंगी ,
जो इसमें
उलझेगा
वह तो फिसलेगा |
राजतिलक
सिंहासन की
तैयारी होगी ,
जोड़- तोड़
भाषणबाजी
मक्कारी होगी ,
जो जीतेगा
आसमान
तक उछलेगा |
धनकुबेर
सब पेरिस
गोवा जायेंगे ,
दीन -हीन
बस
रघुपति राघव गायेंगे ,
बच्चा
गिर गिर कर
जमीन पर सम्हलेगा |
सच है, बदलेगी तो बस तारीख जीवन तो वैसे ही चलेगा...!
ReplyDeleteसुन्दर गीत!
प्राकृति के सामने क्या नया क्या पुराना ... सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteअति उत्तम रचना...
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन...
नववर्ष कि हार्दिक शुभकामनाएँ ...
http://mauryareena.blogspot.in/
:-)
बहुत बढ़िया सामयिक प्रस्तुति...आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-तुमसे कोई गिला नहीं है
इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है... लाज़वाब कविता...
ReplyDeleteआप सभी का हृदय से आभार |नववर्ष की असीम शुभकामनाएँ |
ReplyDeleteआपकी इस ब्लॉग-प्रस्तुति को हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ कड़ियाँ (1 जनवरी, 2014) में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,,सादर …. आभार।।
ReplyDeleteकृपया "ब्लॉग - चिठ्ठा" के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग - चिठ्ठा
शुभकामनायें..
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