एक देशगान -तीन रंग से सजा तिरंगा
तीन रंग से
सजा तिरंगा
हर घर में लहराए.
आज़ादी का
चन्दन वन यह
कभी नहीं मुरझाए.
जल थल नभ में
रहे प्रतिष्ठित
अपनी भारत माता,
शोषित, वंचित
दीन जनों का
भारत भाग्य विधाता,
राष्ट्रगान को
वेद मंत्र सा
सारी दुनिया गाए.
लाल चौक
पी. ओ. के. दिल से
वन्देमातरम बोले,
श्वेत कबूतर
केसर की
क्यारी में डैने खोले,
भारत की
हर बोली भाषा
सबके मन को भाए.
ज्ञान, कला, विज्ञान
संस्कृति
सबकी धारा हो,
यह बलिदानी
देश यहाँ
हर मौसम प्यारा हो,
अमृत महोत्सव
आज़ादी का
घर घर पर्व मनाए.
आज़ादी के लिए
मरे जो
वो शहीद, बलिदानी,
रामकथा सी
हर घर गूंजे
उनकी शौर्य कहानी,
इस मिट्टी का
बच्चा बच्चा
उनपर फूल चढ़ाए.
गंगा -जमुना
निर्मल रखना
निर्मल रहे हिमालय,
गिरिजाघर,
गुरुद्वारा, मस्जिद
सजा रहे देवालय,
सत्य अहिंसा
समरसता का
शिक्षक पाठ पढ़ाए.
कवि जयकृष्ण राय तुषार
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 10 अगस्त 2022 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
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पुन: भेंट होगी...
हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन
Deleteउत्कृष्ट रचना
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