एक आस्था का गीत -राम का पावन चरित
राम का
पावन चरित
इस देश का अभिमान है |
वेदपाठी
दास तुलसी
राम को पहचानते हैं ,
शैव -वैष्णव
नाथ इनको
जानते हैं मानते हैं ,
जानते हैं मानते हैं ,
राम की
उपमेय ,उपमा
और नहीं उपमान है |
एक योगी ने
जलाए दीप
अगणित नभ प्रकाशित ,
धार सरयू
की मलिन ,
होने लगी फिर से सुवासित ,
राम का
कुल गोत्र इस
ब्रह्माण्ड का दिनमान है |
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (08-05-2017) को "घर दिलों में बनाओ" " (चर्चा अंक-2964) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'