Wednesday, 26 July 2017

एक गीत -है वंदेमातरम् गीत मेरा

चित्र -गूगल से साभार 



एक गीत -है वन्देमातरम गीत मेरा 

यह दुनिया का स्वर्ग 
इसे हम भारत माता कहते हैं |
इसके पुत्र करोड़ों आपस में 
मिलजुल कर रहते हैं | |

हम सबकी इज्जत करते हैं 
हम सबको गले लगाते हैं ,
हम मानवता के रक्षक हैं 
हम गीत शांति के गाते हैं .
जो हमको आँख दिखाते हैं 
वो खण्डहरों सा ढहते हैं |

है वंदेमातरम् गीत मेरा 
जन गण मन मेरा गान रहे ,
इस मातृभूमि के कण -कण का 
दुनिया भर में सम्मान रहे ,
जिसके सिर छत्र हिमालय है 
चरणों में सागर बहते  हैं |

यह मिटटी कितनी प्यारी है 
अनगिन  रंगों के फूल यहाँ ,
बहुभाषा,संस्कृति बोली का 
ऐसा कोई स्कूल कहाँ ,
एकलव्य यहाँ बन जाते हैं 
जो झोपड़ियों में रहते हैं |
चित्र -गूगल से साभार 

8 comments:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 18वां कारगिल विजय दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (28-07-2017) को "अद्भुत अपना देश" (चर्चा अंक 2680) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. पता नहीं, अब तो यह सब स्वपन सा लगता है !

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  4. sundar geet hetu badhai tushar ji , kash waqt itna sundar hota .

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  5. आप सभी का हृदय से आभार

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