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चित्र -गूगल से साभार |
एक गीत -
तारीख़ें बदलेंगी सन् भी बदलेगा
तारीख़ें
बदलेंगी
सन् भी बदलेगा |
सूरज
जैसा है
वैसा ही निकलेगा |
नये रंग
चित्रों में
भरने वाले होंगे ,
नई कहानी
कविता
नये रिसाले होंगे ,
बदलेगा
यह मौसम
कुछ तो बदलेगा |
वही
प्रथाएं
वही पुरानी रस्में होंगी ,
प्यार
मोहब्बत -
सच्ची ,झूठी क़समें होंगी ,
जो इसमें
उलझेगा
वह तो फिसलेगा |
राजतिलक
सिंहासन की
तैयारी होगी ,
जोड़- तोड़
भाषणबाजी
मक्कारी होगी ,
जो जीतेगा
आसमान
तक उछलेगा |
धनकुबेर
सब पेरिस
गोवा जायेंगे ,
दीन -हीन
बस
रघुपति राघव गायेंगे ,
बच्चा
गिर गिर कर
जमीन पर सम्हलेगा |