मेरी बेटी -सौम्या राय |
बेटियाँ तो भोर की
पहली किरन सी हैं |
ये कभी थकती नहीं
नन्हें हिरन सी हैं |
जिन्दगी में पर्व ये
त्यौहार लाती हैं ,
सुर्ख रँगोली बनाकर
गीत गाती हैं ,
यज्ञ की वेदी यही
पूजा- हवन सी हैं |
हँस पड़ें तो फूल
रो दें झील होती हैं ,
ये अँधेरी रात में
कंदील होती हैं ,
ये जमीनों ,आसमानों
के मिलन सी हैं |
जब तलक होतीं
पिता का घर सजातीं हैं ,
ये समय पे धूप
घर में छाँव लती हैं ,
ये तपन में ग्रीष्म की
शीतल पवन सी हैं |
बेटियों से जुड़े कितने पावन भाव ...... एक पिता ही इन्हें शब्द दे सकते हैं......
ReplyDeleteबड़ी प्यारी है आपकी सौम्या.... शुभकामनायें
कोमल और पवित्र भावों से सजी आपकी यह रचना बहुत अच्छी लगी
ReplyDeleteवाह कितनी सहज और अभिव्यक्ति क्षम सुन्दर सी कविता -बधाई!
ReplyDeleteहँस पड़ें तो फूल
ReplyDeleteरो दें झील होती हैं ,
ये अँधेरी रात में
कंदील होती हैं ,
क्या बात है
बहुत सुंदर नवगीत है। बधाई स्वीकार कीजिए। त्यौहार ‘लती’ को त्यौहार ‘लाती’ कर दीजिए।
ReplyDeleteधन्यवाद भाई धर्मेन्द्र जी टाइपिंग मिस्टेक की तरफ हमारा ध्यान खींचने के लिये |
ReplyDeletePyari beti ke jaisi pyari rachana aabhar
ReplyDeleteबेटियां वाकई दिल के सबसे करीब होतीं हैं...बेहद संयत शब्दों में बेटियों का महत्व बखान करने के लिए...धन्यवाद...
ReplyDeleteआपकी बेटी सौम्या बहुत प्यारी है! बहुत सुन्दर और कोमल भाव से लिखी हुई आपकी ये रचना प्रशंग्सनीय है! बेहतरीन प्रस्तुती!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
पावन भाव जगाती पंक्तियां.......
ReplyDeleteसौम्या को शुभकामनायें ......
'हँस पड़ें तो फूल
ReplyDeleteरो दें झील होती हैं
ये अँधेरी रात में
कंदील होती हैं '
...............वाह तुषार भाई .....रचना का हर बंद भावपूर्ण
............ह्रदयस्पर्शी रचना ने आँखें नम कर दीं
बेटियाँ तो भोर की
ReplyDeleteपहली किरन सी हैं ।
ये कभी थकती नहीं
नन्हें हिरन सी हैं ।
बहुत प्यारी रचना।
बेटियां दो परिवारों को मिलाती है,
और बेटे एक परिवार को दो बना देते हैं।
komal bhwanayen...so touchy!
ReplyDeleteहँस पड़ें तो फूल
ReplyDeleteरो दें झील होती हैं ,
ये अँधेरी रात में
कंदील होती हैं ,
ये जमीनों ,आसमानों
के मिलन सी हैं |
excellent.
ReplyDeleteexcellent......
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना.बिटिया को प्यार और स्नेह.
ReplyDeleteबेटियों पर इस से बढ़िया रचना पढने को नहीं मिली.... भाव विभोर कर गई रचना...
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