जय-जय प्यारे देश हमारे
जय-जय हिन्दुस्तान।
आजादी की इस मशाल को
छू न सके तूफान।
पूरब से पश्चिम तक
तेरी गौरव गाथा है,
दक्षिण में सागर
उत्तर में सागरमाथा है,
तेरे कण-कण में लिक्खा है
बापू का बलिदान।
तुझमें सतलज कावेरी
गंगा का पानी है,
तुझमें नानक तुलसी और
मीरा की बानी है,
तेरी मिट्टी की खुशबू में
हैं दादू , रसखान।
तक्षशिला नालंदा
तेरी पुराकथाएं हैं,
यहां बाइबिल गुरुग्रन्थ
और वेदऋचाएं हैं,
हम भटकें तो राह दिखाते
हैं गीता-कुरआन।
हंसता है मधुमास
यहां पर सावन गाता है,
रंग-बिरंगे धर्मों का
यह सुन्दर छाता है,
हर मौसम में यहां
गूंजती है वंशी की तान।
हम दुनिया की राहों में
बस फूल सजाते हैं,
सत्य अहिंसा विश्व शांति के
दीप जलाते हैं,
वीर तपस्वी बलिदानी
बच्चों की तू है खान।
जय-जय हिन्दुस्तान।
आजादी की इस मशाल को
छू न सके तूफान।
पूरब से पश्चिम तक
तेरी गौरव गाथा है,
दक्षिण में सागर
उत्तर में सागरमाथा है,
तेरे कण-कण में लिक्खा है
बापू का बलिदान।
तुझमें सतलज कावेरी
गंगा का पानी है,
तुझमें नानक तुलसी और
मीरा की बानी है,
तेरी मिट्टी की खुशबू में
हैं दादू , रसखान।
तक्षशिला नालंदा
तेरी पुराकथाएं हैं,
यहां बाइबिल गुरुग्रन्थ
और वेदऋचाएं हैं,
हम भटकें तो राह दिखाते
हैं गीता-कुरआन।
हंसता है मधुमास
यहां पर सावन गाता है,
रंग-बिरंगे धर्मों का
यह सुन्दर छाता है,
हर मौसम में यहां
गूंजती है वंशी की तान।
हम दुनिया की राहों में
बस फूल सजाते हैं,
सत्य अहिंसा विश्व शांति के
दीप जलाते हैं,
वीर तपस्वी बलिदानी
बच्चों की तू है खान।
चित्र से connect.in.com साभार
sabhi bharatvasiyon ko kavita ke madhyam se republic day ki badhai.
ReplyDeleteभारतभूमि के हर रंग का वर्णन...... सुंदर अभिव्यक्ति......
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....
sundar abhivyakti...
ReplyDeletegantantr divas ki shubhkamnayen......
भारत दर्शन करा दिया कविता ने...
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी रचना...
सच कहूँ तो इसे हर किसी को पढ़ना चाहिए... क्योंकि आज शायद हम घोटालों और भ्रष्टाचार में अपने देश को भूलते से जा रहे हैं...
पढने के बाद गर्वभरी प्यारी सी मुस्कान मिली, की हम भारतीय हैं...
बहुत-बहुत धन्यवाद...
यदि आपकी आज्ञा हो तो मैं इसे फेसबुक पर शेयर करना चाहूँगीं...
ReplyDeletewah tusharji apne bahut jabardust deshbhakti kavita ka nazrana pesh kiya hai. bahut-bahut badhai ho.
ReplyDeleteतक्षशिला नालंदा
ReplyDeleteतेरी पुराकथाएं हैं,
यहां बाइबिल गुरुग्रन्थ
और वेदऋचाएं हैं,
हम भटकें तो राह दिखाते
हैं गीता-कुरआन।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर मातृभूमि की गौरवगाथा से परिपूर्ण यह देशभक्ति गीत अच्छा लगा।
आपको गणतंत्र दिवस की षुभकामनाएं।
तुझमें सतलज कावेरी
ReplyDeleteगंगा का पानी है,
तुझमें नानक तुलसी और
मीरा की बानी है,
तेरी मिट्टी की खुशबू में
हैं दादू रसखान ...
मातृ भूमि तुझे प्रणाम ... देश प्रेम से रची लाजवाब रचना को प्रणाम ...
bouthe aacha post kiya hai aapne read kar ke aacha lagaa
ReplyDeletePleace visit My Blog Dear Friends...
Lyrics Mantra
Music BOl
"तुझमें सतलज कावेरी
ReplyDeleteगंगा का पानी है,
तुझमें नानक तुलसी और
मीरा की बानी है,
तेरी मिट्टी की खुशबू में
हैं दादू रसखान।"
देश भक्ति से ओत-प्रोत बड़ा ही प्यारा गीत है !
हर पंक्ति में देश की सोंधी मिट्टी की खुशबू है !आपकी ओजस्वी लेखनी को नमन !
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
desh ko samarpit ek ati uttam rachna...
ReplyDeleteतक्षशिला नालंदा
ReplyDeleteतेरी पुराकथाएं हैं,
यहां बाइबिल गुरुग्रन्थ
और वेदऋचाएं हैं,
हम भटकें तो राह दिखाते
हैं गीता-कुरआन।
---------------------
बढिया ....
bahut sundar aur samyik geet hai
ReplyDeleteदेशप्रेम से ओत प्रेत बहुत ही सुंदर कविता .... सुंदर प्रस्तुति. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.
ReplyDeleteबुलंद हौसले का दूसरा नाम : आभा खेत्रपाल
good.
ReplyDeleteतक्षशिला नालंदा
ReplyDeleteतेरी पुराकथाएं हैं,
यहां बाइबिल गुरुग्रन्थ
और वेदऋचाएं हैं,
हम भटकें तो राह दिखाते
हैं गीता-कुरआन।
देश-भक्ति से ओत-प्रोत ...
सुंदर भावाभिव्यक्ति .....!!
तुषार जी नमस्कार,देश भक्ति के रंग मे रगां यह गीत बहुत हू सुन्दर है। अतिंम पक्तीं मुझे सबसे अच्छी लगी।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर कविता है धन्यवाद
ReplyDelete