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ग़ज़ल संग्रह |
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
पुस्तक -सियासत भी इलाहाबाद में संगम नहाती है
प्रकाशक -लोकभारती इलाहाबाद (प्रयागराज )
पेपरबैक मूल्य -250 रूपये
https://www.amazon.in/dp/934822932X
(कृपया बिना अनुमति के इस ब्लॉग में प्रकाशित किसी भी अंश का किसी भी तरह से उपयोग न करें)
चित्र साभार गूगल ढूंढता है मन शहर की भीड़ से बाहर. घास, वन चिड़िया नदी की धार में पत्थर. नीम, पाकड़ और पीपल की घनी छाया, सांध्य बेला आरती...
बधाई
ReplyDeleteहार्दिक आभार
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