Saturday, 19 September 2020

एक आस्था का गीत - जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम

 



एक आस्था का गीत -
जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम  

जहाँ वंशी गूँजे हर शाम |
किशोरी जी का जो छवि धाम 
जहाँ पर कृष्ण रूप में राम !
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ भगवान भक्त के दास 
सूर ,वल्लभ ,स्वामी हरिदास ,
जहाँ राजा से रंक का मेल 
सुदामा कृष्ण का सुंदर खेल ,
जहाँ यमुना का क्रीड़ाधाम 
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ बस प्रेम है द्वेष न राग 
जहाँ हर मौसम होली ,फाग ,
जहाँ फूलों में इत्र सुवास 
जहाँ उद्धव जी का परिहास ,
जहाँ संतो का सुख हरिनाम 
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ गीता का अमृत पान 
गोपियों का नर्तन -मधु गान ,
जहाँ मिट जाते दुःख -संताप 
पुण्य का उदय ,अस्त हो पाप ,
है जिसके वश में माया ,काम 
वही है वृंदावन का धाम |

जहाँ गिरि गोवर्धन का मान 
इन्द्र का टूटा था अभिमान ,
जहाँ गायों का पालनहार 
जहाँ भक्तों के मोक्ष का द्वार 
जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम
वही है वृन्दावन का धाम |


कवि -जयकृष्ण राय तुषार 


सभी चित्र -साभार गूगल 

21 comments:

  1. जहाँ बस प्रेम है द्वेष न राग
    जहाँ हर मौसम होली ,फाग
    जहाँ संतों को मोक्ष ,विराग
    जहाँ धूनी में भक्ति की आग ,
    देवता करते जिसे प्रणाम
    वही है वृन्दावन का धाम |
    वृन्दावंधाम की महिमा के क्या कहने ! सुंदर रचना तुषार जी |राधे राधे --

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    1. आपकी ईश्वर भक्ति को प्रणाम |आपका हार्दिक आभार

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  2. सुन्दर प्रस्तुति

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    Replies
    1. सादर प्रणाम |आपका हार्दिक आभार

      Delete
  3. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 21 सितंबर 2020) को 'दीन-ईमान के चोंचले मत करो' (चर्चा अंक-3831) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    --
    -रवीन्द्र सिंह यादव

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    Replies
    1. आपका हार्दिक आभार भाई रवीन्द्र जी

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  4. जहाँ बस प्रेम है द्वेष न राग
    जहाँ हर मौसम होली ,फाग
    जहाँ संतों को मोक्ष ,विराग
    जहाँ धूनी में भक्ति की आग ,
    देवता करते जिसे प्रणाम
    वही है वृन्दावन का धाम |... बहुत सुंदर रचना ... अद्भु्त

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  5. जहाँ बस प्रेम है द्वेष न राग
    जहाँ हर मौसम होली ,फाग
    जहाँ संतों को मोक्ष ,विराग
    जहाँ धूनी में भक्ति की आग ,
    देवता करते जिसे प्रणाम
    वही है वृन्दावन का धाम |

    भक्तिरस में सराबोर बहुत ही भावपूर्ण सृजन,सादर नमन सर

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  6. जहाँ गिरि गोवर्धन का मान
    इन्द्र का टूटा था अभिमान ,
    जहाँ गायों का पालनहार
    जहाँ काशी ,मथुरा ,हरिद्वार ,
    जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम
    वही है वृन्दावन का धाम |
    बहुत ही सुन्दर सरस भक्ति गीत...
    वाह!!!

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  7. जहाँ गीता का अमृत पान
    गोपियों मधु नर्तन -गान ,
    जहाँ मिट जाते दुःख -संताप
    पुण्य का उदय ,अस्त हो पाप ,
    सीखते प्रेम जहाँ रति -काम
    वहीँ है वृंदावन का धाम ---


    कोमल भावनाओं युक्त सुंदर रचना !!!

    हार्दिक बधाई जयकृष्ण राय तुषार जी!!!

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    1. सादर प्रणाम |आपका हार्दिक आभार |

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  8. Replies
    1. डॉ0 वर्षा सिंह जी आपका हार्दिक आभार |

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  9. https://satishrohatgipoetry.blogspot.com/2020/10/blog-post_26.html

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  10. जय श्री कृष्णा


    स्वरांजलि satishrohatgipoetry

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  11. बहुत सुंदर।
    जय श्री कृष्णा।🙏

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