Saturday, 1 October 2016

एक गीत -यह मुल्क हमारा सबको गले लगाता है

चित्र -गूगल से साभार 




एक गीत -यह मुल्क हमारा सबको गले लगाता है 

आना जी यह मुल्क हमारा 
सबको गले लगाता है |
दुनिया के हर सैलानी से 
इसका रिश्ता नाता है |

हिन्दू जैसे फूल कमल का 
मुस्लिम यहाँ गुलाब है ,
अपना हिन्दुस्तान 
समूची कायनात का ख़्वाब है ,
हिंसा नहीं सिखाता सूफ़ी 
गीत प्रेम के गाता है |

यह तीर्थों का देश 
पर्व सबको खुशहाली देते हैं ,
बोली -भाषा ,पंथ कई 
सब भारत माँ के बेटे हैं ,
विविध रंग वाला यह उपवन 
अनगिन फूल खिलाता है |

यह अब्दुल हमीद की माटी 
बलिदानों की गाथा है ,
भगत सिंह, आज़ाद 
तुम्हीं से इसका उन्नत माथा है ,
यह भटके- भूले लोगों को 
राह बताने आता है |

क्षमा मांग ले शत्रु अगर 
हम उसको गले लगाते हैं ,
संविधान से संकट में हम 
अपनी ताकत पाते हैं ,
अब कोई सम्राट नहीं 
जन भारत भाग्य विधाता है |


चित्र -गूगल से साभार 

6 comments:

  1. sundar geet hetu hardik badhai tushar ji

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  2. बहुत बढ़िया

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  3. शुक्रिया आप दोनों का |

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  4. बहुत सुन्दर ....कमल और गुलाब का सुन्दर और सटीक प्रयोग .

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  5. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-10-2016) के चर्चा मंच "कुछ बातें आज के हालात पर" (चर्चा अंक-2483) पर भी होगी!
    महात्मा गान्धी और पं. लालबहादुर शास्त्री की जयन्ती की बधायी।
    साथ ही शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  6. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल रविवार (02-10-2016) के चर्चा मंच "कुछ बातें आज के हालात पर" (चर्चा अंक-2483) पर भी होगी!
    महात्मा गान्धी और पं. लालबहादुर शास्त्री की जयन्ती की बधायी।
    साथ ही शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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