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ग़ज़ल संग्रह |
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
पुस्तक -सियासत भी इलाहाबाद में संगम नहाती है
प्रकाशक -लोकभारती इलाहाबाद (प्रयागराज )
पेपरबैक मूल्य -250 रूपये
https://www.amazon.in/dp/934822932X
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श्री कृष्ण अर्जुन |
अब धर्मयुद्ध छोड़ो अर्जुन
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चित्र साभार गूगल |
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भारत माता |
एक देशगान
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माननीय प्रधानमंत्री जी |
संकट में था
सिंदूर
सनातन, महाकाल.
हिमशिखर
पिघलने लगे
सिंधु में है उबाल.
तन गयी
भृकुटि मोदी जी
हैं रुद्रावतार,
फिर कुपित
राम की सेना
लंका पर प्रहार,
निकलो
वीरों त्रिशूल के
संग लेकर मशाल.
काफ़िर
मत कहना
मूर्ख सुदर्शन चक्र देख,
विषपाई
शिव की
भृकुटि हो गयी वक्र देख,
हुंकार
हमारी सुन
भारत माता निहाल.
अब भजन
नहीं मंदिर में
फूंको पांचजन्य,
इस महाप्रलय
से सजग रहें
अब शत्रु अन्य,
भर जाय
रक्त से दुश्मन का
हर झील, ताल
वन्देमातरम. जय हिन्द
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भारत के माननीय प्रधानमंत्री जी और चाणक्य माननीय गृहमंत्री जी |
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गुलमोहर चित्र साभार गूगल |
एक गीत -गुलमोहर खिलते हुए
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चित्र साभार गूगल |
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भारतीय वायुसेना |
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भारत माता |
एक देशगान -गर्जना करोगे कब तक वीरों आसमान में
गर्जना करोगे
कब तक
वीरों आसमान में.
आतंकी दुश्मन
बैठा है
अब भी गुमान में.
दुश्मन के
सीने पर
चढ़कर हुंकार भरो,
राक्षस
वध करना है
नृसिंह अवतार धरो,
जयकार
तिरंगे की हो
इस दुनिया जहान में.
पृथ्वी, त्रिशूल,
ब्रम्होस
अग्नि ज्वाला निकलो,
मेवाड़
महाराणा के
ले भाला निकलो,
रावलपिंडी को
बदलो
जलते श्मशान में.
अब मौन करो
भारत विरुद्ध
आवाज़ो को,
दुश्मन पर
छोड़ो गरुड़
भयंकर बाजों को,
अब ज़हर
न उगले कोई भी
दुश्मन अज़ान में.
कवि जयकृष्ण राय तुषार
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चित्र साभार गूगल |
ग़ज़ल संग्रह सियासत भी इलाहाबाद में संगम नहाती है योग दिवस पर माननीय सांसद फूलपुर आदरणीय श्री प्रवीण पटेल जी एवं माननीय विधायक फूलपुर श्री दी...