कवि -श्री अमरनाथ उपाध्याय 'अमर राग ' e-mail--aupadhyay432@gmail.com |
अपनी तमाम प्रशासनिक व्यस्तताओं के बावजूद कई प्रशासनिक अधिकारी हिंदी की अनवरत सेवा में तन्मयता से जुटे हैं |कुछ बहुत ही उम्दा लेखकीय क्षमता से भी लैस हैं ,और हिंदी को अपने लेखन से समृद्ध कर रहे हैं |उत्तर प्रदेश प्रान्तीय सिविल सेवा के अधिकारी श्री अमरनाथ उपाध्याय 'अमर राग ;भी अपनी तमाम प्रशासनिक जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करते हुए हिंदी में लेखन कार्य से जुड़े हैं |उपाध्याय जी ने अभी एक -दो वर्ष पूर्व ही लेखन कार्य प्रारम्भ किया है ,लेकिन उनके पास अपनी सहज दृष्टि और मौलिक संवेदना है |अमरनाथ उपाध्याय जी का जन्म सन 06-01-1966 में हुआ था |इनकी शिक्षा कोलकाता ,गोपालगंज और पटना [बिहार ]में सम्पन्न हुई |कविता, गीत इनके लेखन की मूल विधा है |श्री अमरनाथ उपाध्याय जी इस समय उत्तर प्रदेश प्रान्तीय सिविल सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं | हम आप सभी से उनकी एक कविता के माध्यम से परिचय करा रहे हैं |आभार सहित
एक गीत -कवि अमरनाथ उपाध्याय 'अमर राग '
भोरकिरण बन आनेवाले मेरे ओ‘दिनमाना',
बदरी में छुप बैठे फिर भी हो तुम भीतरघामा।
घाम तुम्हारा महसूसता है,बेशक,पूरा ज़माना ,
पर,अरुणाई कैसे गाएँ,जाए नहीं बखाना।
घर पे तेरे लटक रहा है नीला-श्याम विताना,
छुप करके बैठे हो क्योंकर?मेरे ओ सुखधामा!
डेढ़ पहर दिन बीत चुका है,क्या गाना,क्या ध्याना,
नभ पे ऐसे आना,जैसे नाम चले‘दिनमाना'।
धरती की लाली बन आना,आना सेज,सिर्हाना,
धरती के होंठों पे रक्तिम लाली से सज जाना।
एक कूप में ढेरों जल,औ'बाकी जग तरसाना,
ऐसे जल को खींच किरण से घरघर में बरसाना।
नाज़ुक से कई ओर खड़े हैं,उनको ना मुरझाना,
तन की कटीफटी तो देखो,ना उनको झुलसाना।
सूरजमुखी औ'दुपहरिया से,चाहे,खुब,बतियाना,
पर औरों को,खिलने ख़ातिर,थोड़ी ताप दिखाना।
थक जाने पे,महासिन्धु में,डुबकी बड़ी लगाना,
पर,अँधियारा हरने ख़ातिर,नहा-नहा के आना।
प्रेम-पुलक-मन कहता तुझको‘मेरे ओ दिनमाना',
धुँध-धूम को तरके आजा,सुन लो अरज सुजाना।
कोटि-कोटि किरणों को तेरे रोके कौन जहाना,
एक किरण तो दे दो जल्दी,होवे ‘सहज विहाना'।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (19-05-2014) को "मिलेगा सम्मान देख लेना" (चर्चा मंच-1617) पर भी होगी!
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
अमरनाथ उपाध्याय जी से उनकी सुन्दर कृति के साथ परिचय कराते हुए सार्थक प्रस्तुति हेतु धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति...!रचना साझा करने के लिए आभार ....
ReplyDeleteRECENT POST - प्यारी सजनी
सुन्दर रचना...
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना बुधवार 21 मई 2014 को लिंक की जाएगी...............
ReplyDeletehttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
बेहतरीन रचना पढ़वाई .... आभार
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पोस्ट....
ReplyDeleteआभार !! गीत और परिचय दोनों के लिए...
सादर
अनु