tag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post4841433162444792427..comments2024-03-29T11:25:42.806+05:30Comments on छान्दसिक अनुगायन: एक नवगीत -हरे वन की चाह में जयकृष्ण राय तुषारhttp://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-28518440000943904342022-05-08T17:19:58.177+05:302022-05-08T17:19:58.177+05:30Very nice writing.
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I Like it ver...Very nice writing.<br /><a href="https://www.gratefulstudy.com/i-can-sentences-examples/" rel="nofollow"> I can sentences</a> <br />I Like it very much..parmhttps://www.blogger.com/profile/05912433983313405045noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-15246587543881361662014-09-26T14:43:08.826+05:302014-09-26T14:43:08.826+05:30सचमुच ये नवगीत है,बहुत सुंदर..भावसचमुच ये नवगीत है,बहुत सुंदर..भावAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09160978051845953553noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-55904424588565009282014-09-05T23:26:33.897+05:302014-09-05T23:26:33.897+05:30बहुत सटीक और उम्दा चित्रण
हम हँसे तो
इस व्यवस्था...बहुत सटीक और उम्दा चित्रण<br /><br />हम हँसे तो <br />इस व्यवस्था ने <br />हमारे होंठ काटे ,<br />रो दिए तो <br />धर्मगुरुओं ने <br />हमारे रुदन बांटे ,<br />हमें रहने दो <br />महज इन्सान <br />हम इसमें भले हैं |<br />डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-50050497658253349092014-08-27T14:24:41.534+05:302014-08-27T14:24:41.534+05:30आपका ब्लॉग देखकर अच्छा लगा. अंतरजाल पर हिंदी समृधि...आपका ब्लॉग देखकर अच्छा लगा. अंतरजाल पर हिंदी समृधि के लिए किया जा रहा आपका प्रयास सराहनीय है. कृपया अपने ब्लॉग को “ब्लॉगप्रहरी:एग्रीगेटर व हिंदी सोशल नेटवर्क” से जोड़ कर अधिक से अधिक पाठकों तक पहुचाएं. ब्लॉगप्रहरी भारत का सबसे आधुनिक और सम्पूर्ण ब्लॉग मंच है. ब्लॉगप्रहरी ब्लॉग डायरेक्टरी, माइक्रो ब्लॉग, सोशल नेटवर्क, ब्लॉग रैंकिंग, एग्रीगेटर और ब्लॉग से आमदनी की सुविधाओं के साथ एक <br />सम्पूर्ण मंच प्रदान करता है.<br />अपने ब्लॉग को ब्लॉगप्रहरी से जोड़ने के लिए, यहाँ क्लिक करें http://www.blogprahari.com/add-your-blog अथवा पंजीयन करें http://www.blogprahari.com/signup . <br />अतार्जाल पर हिंदी को समृद्ध और सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता आपके सहयोग के बिना पूरी नहीं हो सकती.<br />मोडरेटर<br />ब्लॉगप्रहरी नेटवर्क<br />BLOGPRAHARIhttps://www.blogger.com/profile/03012511809083961456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-76511066686558672014-08-26T11:30:19.306+05:302014-08-26T11:30:19.306+05:30बहुत सुन्दरबहुत सुन्दरअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-41943784475128035122014-08-25T13:05:00.642+05:302014-08-25T13:05:00.642+05:30सुंदर प्रस्तुतिसुंदर प्रस्तुतिसु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-14794191794832523092014-08-24T21:53:02.297+05:302014-08-24T21:53:02.297+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की च...बहुत सुन्दर प्रस्तुति।<br />--<br /> आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (25-08-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">"हमारा वज़ीफ़ा... " { चर्चामंच - 1716 } </a> पर भी होगी।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-65910099398999268472014-08-24T19:01:13.619+05:302014-08-24T19:01:13.619+05:30आदरणीया शशि जी और अंशु जी आप दोनों का शुक्रिया |आदरणीया शशि जी और अंशु जी आप दोनों का शुक्रिया |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-25763901910887944022014-08-24T15:53:50.038+05:302014-08-24T15:53:50.038+05:30बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06125842046153481439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-24322975730121096592014-08-24T11:09:09.615+05:302014-08-24T11:09:09.615+05:30बहुत सुन्दर नवगीत है आज की परिस्थियों पर सार्थक व्...बहुत सुन्दर नवगीत है आज की परिस्थियों पर सार्थक व्यंग है हरे वन की <br />चाह में फिर <br />पंख चिड़ियों के जले हैं |<br />यहाँ ऋतुएं <br />हैं तिलस्मी <br />और मौसम दोगले हैं |<br /><br />बहुत सुन्दर हार्दिक बधाई तुषार जी shashi purwarhttps://www.blogger.com/profile/04871068133387030845noreply@blogger.com