tag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post3124873546561321208..comments2024-03-28T20:11:18.077+05:30Comments on छान्दसिक अनुगायन: मेरी दो ग़ज़लेंजयकृष्ण राय तुषारhttp://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-81932541377560161082011-03-06T14:36:36.520+05:302011-03-06T14:36:36.520+05:30परिंदे वो ही जा पाते हैं ऊँचे आसमानों तक
जिन्हें ...परिंदे वो ही जा पाते हैं ऊँचे आसमानों तक <br />जिन्हें सूरज से जलने का तनिक भी डर नहीं होता।<br /><br />तुषार जी, बहुत प्रभावशाली हैं दोनों ग़ज़लें।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-33975073458381067292011-03-06T14:10:57.067+05:302011-03-06T14:10:57.067+05:30ये सावन गर नहीं लिखता हंसी मौसम के अफसाने
कोई भी ...ये सावन गर नहीं लिखता हंसी मौसम के अफसाने <br />कोई भी रंग मेंहदी का हथेली पर नहीं होता <br /><br />तुषार जी ... दोनों ही जबरदस्त ... एक से बढ़ कर एक ग़ज़लें हैं ... <br />बहुत कमाल का लिखते हैं आप ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-24437166586549960822011-03-06T10:20:18.561+05:302011-03-06T10:20:18.561+05:30अब किसकी तरी करूँ एक की करूँगा तो दूसरी नाराज और द...अब किसकी तरी करूँ एक की करूँगा तो दूसरी नाराज और दोनों की नहीं करूँगा तो आप नाराज .....अब इतना कहूँगा ....आप इसी तरह हमें भाव विभोर करते रहें ...और अपनी रचनात्मकता से ब्लॉग जगत को समृद्ध करते रहें ....आपका आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-19641995726457053742011-03-06T08:47:20.839+05:302011-03-06T08:47:20.839+05:30'
परिंदे वो ही जा पाते हैं ऊँचे आसमानों तक
जि...'<br />परिंदे वो ही जा पाते हैं ऊँचे आसमानों तक <br />जिन्हें सूरज से जलने का तनिक भी डर नहीं होता '<br />sunder sher haiMinoo Bhagiahttps://www.blogger.com/profile/18351562434440592523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-47206284408899465812011-03-05T22:33:19.408+05:302011-03-05T22:33:19.408+05:30किचन में माँ बहुत रोती है पकवानों की खुशबू में
कि...किचन में माँ बहुत रोती है पकवानों की खुशबू में <br />किसी त्यौहार पर बेटा जब उसका घर नहीं होता <br />निशब्द करते शब्द .... बेहतरीन ग़ज़लें हैं दोनों ..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-46426470588727518762011-03-05T22:33:03.474+05:302011-03-05T22:33:03.474+05:30गर ये रहबर ही निठारी के हलाकू देंगे
हम भी बच्चों ...गर ये रहबर ही निठारी के हलाकू देंगे <br />हम भी बच्चों को खिलौना नहीं चाकू देंगे <br />Kamaal kaa likha hai!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-15993276620338000372011-03-05T22:32:05.921+05:302011-03-05T22:32:05.921+05:30ये सावन गर नहीं लिखता हंसी मौसम के अफसाने
कोई भी ...ये सावन गर नहीं लिखता हंसी मौसम के अफसाने <br />कोई भी रंग मेंहदी का हथेली पर नहीं होता <br /><br />किसी बच्चे से उसकी माँ को वो क्यों छीन लेता है <br />अगर वो देवता होता तो फिर पत्थर नहीं होता <br />Wah! Behad khoobsoorat!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-10766681165386286682011-03-05T21:55:26.171+05:302011-03-05T21:55:26.171+05:30किचन में माँ बहुत रोती है पकवानों की खुशबू में
कि...किचन में माँ बहुत रोती है पकवानों की खुशबू में <br />किसी त्यौहार पर बेटा जब उसका घर नहीं होता<br /><br />bahut khoob. badhaee sweekarenअवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhanhttps://www.blogger.com/profile/05755723198541317113noreply@blogger.com