tag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post2517812175242866574..comments2024-03-28T12:37:19.086+05:30Comments on छान्दसिक अनुगायन: गंगा हमको छोड़ कभी मत इस धरती से जानाजयकृष्ण राय तुषारhttp://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-38984241300120154562011-10-02T10:14:25.224+05:302011-10-02T10:14:25.224+05:30बहुत सुन्दर गीत है.
गंगा मैया जी जय.बहुत सुन्दर गीत है.<br />गंगा मैया जी जय.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-27500512379059286022011-10-02T09:51:37.231+05:302011-10-02T09:51:37.231+05:30अल्फाज ऐसे की बन गए मोती ,सीरत ऐसी की समाये ,रिच...अल्फाज ऐसे की बन गए मोती ,सीरत ऐसी की समाये ,रिचाओं की तरह ........ / मान योग्य काव्य ..शुक्रिया जीudaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-41902169039558145992011-10-02T08:49:50.333+05:302011-10-02T08:49:50.333+05:30तू मॉं नदी सदानीरा हो
कभी न सोती हो,
गोमुख से गंगा...तू मॉं नदी सदानीरा हो<br />कभी न सोती हो,<br />गोमुख से गंगासागर तक<br />सपने बोती हो,<br />जहॉं कहीं बंजर धरती हो<br />मॉं तुम फूल खिलाना।<br /><br /><br />मां गंगे की आराधना करता भक्तिभावमय सुंदर गीत।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-6545092999677848732011-10-02T02:13:44.346+05:302011-10-02T02:13:44.346+05:30राजा रंक सभी की नैया
मॉं तू पार लगाती
कंकड़- पत्थर...राजा रंक सभी की नैया<br />मॉं तू पार लगाती<br />कंकड़- पत्थर, शंख -सीपियॉं<br />सबको गले लगाती<br />तेरे तट पर बैठ अघोरी<br />सीखे मंत्र जगाना |<br /><br />वाह,<br />सुन्दर गीत के लिए हार्दिक बधाईवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-1960746094870766852011-10-02T00:53:49.214+05:302011-10-02T00:53:49.214+05:30भागीरथ नीचे तो ला सकते थे...पर भागीरथ के वंशों ने ...भागीरथ नीचे तो ला सकते थे...पर भागीरथ के वंशों ने उनकी जो दुर्दशा कर राखी है...भागीरथ को भी तरस आता होगा...गंगा मैया को कहीं वो वापस ना बुला लें...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-31871680486988283942011-10-01T23:03:03.297+05:302011-10-01T23:03:03.297+05:30बहुत ही प्यारा नवगीत है। इसके लय और छन्द का प्रवाह...बहुत ही प्यारा नवगीत है। इसके लय और छन्द का प्रवाह गंगा की तरह है, कल-कल, छल-छल!<br /><br />पढ़ते-पढ़ते शुरु में विद्यापति याद आए “बड़ सुख सार पउल तु तीरे’’ और अंत होते-होते एक फ़िल्मी गीत जुबान पर आ गया - ‘गंगा तेरा पानी अमृत झर-झर बहता जाए।’मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-20424480589071103302011-10-01T20:21:03.037+05:302011-10-01T20:21:03.037+05:30आपके दिल तक गंगा के बारे में हमारी काव्यात्मक पीड़...आपके दिल तक गंगा के बारे में हमारी काव्यात्मक पीड़ा पहुंची आप सभी का आभारजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-90911612640418828282011-10-01T20:21:02.620+05:302011-10-01T20:21:02.620+05:30आपके दिल तक गंगा के बारे में हमारी काव्यात्मक पीड़...आपके दिल तक गंगा के बारे में हमारी काव्यात्मक पीड़ा पहुंची आप सभी का आभारजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-25584459218407485502011-10-01T19:49:35.231+05:302011-10-01T19:49:35.231+05:30..सुरसरि सम सबकर हित होई ....याद आयी मानस की अर्धा.....सुरसरि सम सबकर हित होई ....याद आयी मानस की अर्धाली !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-79248199890717723102011-10-01T19:38:26.367+05:302011-10-01T19:38:26.367+05:30बहुत सुन्दर भाव के साथ गंगा मैया से सुन्दर प्रार्थ...बहुत सुन्दर भाव के साथ गंगा मैया से सुन्दर प्रार्थना की है आपनेरेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-39704629548743966452011-10-01T17:51:55.006+05:302011-10-01T17:51:55.006+05:30तुषार जी नमस्कार्। बहुत सुन्दर भक्तिभाव मे माँ गंग...तुषार जी नमस्कार्। बहुत सुन्दर भक्तिभाव मे माँ गंगा की याचना।Suman Dubeyhttps://www.blogger.com/profile/07363575569674298981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-24864235817411205702011-10-01T14:18:51.502+05:302011-10-01T14:18:51.502+05:30गंगा तो नहीं जाना चाहती पर लोग उसे लुप्त कर के ही ...गंगा तो नहीं जाना चाहती पर लोग उसे लुप्त कर के ही छोडेंगे ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-62900053049421015362011-10-01T11:59:54.956+05:302011-10-01T11:59:54.956+05:30समाज देखकर तो यही लगता है कि गंगा बहती है क्यों।समाज देखकर तो यही लगता है कि गंगा बहती है क्यों।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com