tag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post2148919954100853187..comments2024-03-29T11:25:42.806+05:30Comments on छान्दसिक अनुगायन: मेरी एक गज़लजयकृष्ण राय तुषारhttp://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-70110872022980498712011-08-01T20:43:48.661+05:302011-08-01T20:43:48.661+05:30sahaj pratik avm bimbo ka utkrastha prayog madhu j...sahaj pratik avm bimbo ka utkrastha prayog madhu ji ke geeto ki anytam visheshta he ;apne apne blog me sthan dekar bhopal ka man badhaya he meri or se unhe badhai aur apko aabhar.<br />manoj jain madhur bhopal~।। वागर्थ ।।~https://www.blogger.com/profile/02117085198592050456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-61481175827366696122011-07-15T23:10:46.262+05:302011-07-15T23:10:46.262+05:30वाह..वाह...वाह..वाह...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-57050149210614544052011-07-14T16:05:20.488+05:302011-07-14T16:05:20.488+05:30फूलों से भरे लाँन में दीवार उठा मत
मुझको तो तेरे ...फूलों से भरे लाँन में दीवार उठा मत <br />मुझको तो तेरे सहन में आना भी नहीं है<br /><br />बहुत सुन्दर ग़ज़ल... आभार और बधाईAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14167053354313199541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-54270727961408727572011-07-13T00:39:29.715+05:302011-07-13T00:39:29.715+05:30बहुत बेहतरीन ग़ज़ल तुषार भाई ....
..हर शेर जानदार ...बहुत बेहतरीन ग़ज़ल तुषार भाई ....<br />..हर शेर जानदार .....धारदार...........अर्थपूर्णसुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-50984815656519647032011-07-12T22:22:15.967+05:302011-07-12T22:22:15.967+05:30अफ़सोस परिंदे यहाँ मर जायेंगे भूखे
इस बार किसी जा...अफ़सोस परिंदे यहाँ मर जायेंगे भूखे <br />इस बार किसी जाल में दाना भी नहीं है <br /><br />इक दिन की मुलाकात से गफलत में शहर है <br />सम्बन्ध मेरा उससे पुराना भी नहीं है <br /><br />बहुत खूबसूरत शेर....वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-69091942545263354662011-07-12T21:23:35.302+05:302011-07-12T21:23:35.302+05:30अफ़सोस परिंदे यहाँ मर जायेंगे भूखे
इस बार किसी जा...अफ़सोस परिंदे यहाँ मर जायेंगे भूखे <br />इस बार किसी जाल में दाना भी नहीं है .<br /><br />बहुत बढ़िया.वाह क्या बात है.<br />बेहतरीन.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-5395725639156908462011-07-12T20:30:57.803+05:302011-07-12T20:30:57.803+05:30बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल है। मत्ले के मिसरा-ए-ऊला में थ...बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल है। मत्ले के मिसरा-ए-ऊला में थोड़ी सी बहर में दिक्कत आई मुझे। २२११ २२११ २२११ २२ से एक मात्रा ज्यादा आ रही है। शानदार ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार कीजिए।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-11863192078349965332011-07-12T15:54:33.168+05:302011-07-12T15:54:33.168+05:30इस सुबह की आँखों में खुमारी है क्यों इतनी
इस शहर ...इस सुबह की आँखों में खुमारी है क्यों इतनी <br />इस शहर में तो कोई मैखाना भी नहीं है ..<br /><br />बहुत खूब ... लाजवाब्शेर ही इस कमाल की गज़ल का ... मज़ा आ गया ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-41615917516589242302011-07-12T15:29:11.420+05:302011-07-12T15:29:11.420+05:30फूलों से भरे लाँन में दीवार उठा मत
मुझको तो तेरे ...फूलों से भरे लाँन में दीवार उठा मत <br />मुझको तो तेरे सहन में आना भी नहीं है <br /><br />तुषार भाई...लाजवाब कर दिया है आपने...कमाल की ग़ज़ल...दाद कबूल अक्रें...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-89304108518270520252011-07-12T12:29:56.809+05:302011-07-12T12:29:56.809+05:30Kya baat hai , umda nazm shukriyaKya baat hai , umda nazm shukriyaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14612724763281042484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-55606169497307586792011-07-12T11:28:35.020+05:302011-07-12T11:28:35.020+05:30परिंदे वाला शेर वाक़ई आकृष्ट करता है| खूबसूरत ग़ज़...परिंदे वाला शेर वाक़ई आकृष्ट करता है| खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई|<br /><br /><a href="http://thalebaithe.blogspot.com/2011/07/blog-post_6326.html#links" rel="nofollow">कुण्डलिया छन्द - सरोकारों के सौदे</a>www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-12468082663426903642011-07-12T06:17:10.756+05:302011-07-12T06:17:10.756+05:30अफ़सोस परिंदे यहाँ मर जायेंगे भूखे
इस बार किसी जा...अफ़सोस परिंदे यहाँ मर जायेंगे भूखे <br />इस बार किसी जाल में दाना भी नहीं है <br /><br />बहुत सुंदर..... प्रभावित करती उम्दा ग़ज़ल.. डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-23245536273571200122011-07-11T22:37:01.823+05:302011-07-11T22:37:01.823+05:30आदरणीय जयकृष्ण राय तुषार जी
सादर अभिवादन !
...<b><i>आदरणीय जयकृष्ण राय तुषार जी </i></b> <br />सादर अभिवादन !<br /> <br />बहुत शानदार ग़ज़ल लिखी है हर शे'र पर दाद स्वीकार कीजिएगा ।<br /><br /><b> अफ़सोस परिंदे यहा मर जायेंगे भूखे <br />इस बार किसी जाल में दाना भी नहीं है </b> <br />बहुत अर्थ लिए है यह शे'र … क्या बात है !<br /> <br /><b>वो ढूढता फिरता है हरेक शै में गज़ल को <br />अब मीर औ' ग़ालिब का जमाना भी नहीं है </b><br />लाजवाब !<br /> <br /><b>फूलों से भरे लॉन में दीवार उठा मत <br />मुझको तो तेरे सहन में आना भी नहीं है </b> <br />कुर्बान हो गया इस बेहतरीन शे'र पर तो …<br /><br />आप जितने ख़ूबसूरत नवगीत और गीत लिखते हैं , उतनी ही प्रभावशाली और पुख़्ता ग़ज़ल भी लिखते हैं । <br /><br />संपूर्ण हृदय के साथ…<br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow">हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ! <br /></a></b> <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-16570667822578568632011-07-11T21:22:49.209+05:302011-07-11T21:22:49.209+05:30कुछ व्यस्तताओं के चलते इधर आप सभी के ब्लॉग पर आना ...कुछ व्यस्तताओं के चलते इधर आप सभी के ब्लॉग पर आना नहीं हो सका ब्लॉग भी अपडेट नहीं कर सका मैं समझ रहा था आप सभी मुझसे नाराज होगें लेकिन आपका आशीष पाकर मैं धन्य हो गया |आभारजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-70817111886094262042011-07-11T21:05:10.102+05:302011-07-11T21:05:10.102+05:30अफ़सोस परिंदे यहाँ मर जायेंगे भूखे
इस बार किसी जा...अफ़सोस परिंदे यहाँ मर जायेंगे भूखे <br />इस बार किसी जाल में दाना भी नहीं है waahरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-81314741664952335982011-07-11T21:03:08.580+05:302011-07-11T21:03:08.580+05:30हर मोड़ पे वो राह बदल लेता है अपनी
गर दोस्त नहीं ...हर मोड़ पे वो राह बदल लेता है अपनी <br />गर दोस्त नहीं है तो बेगाना भी नहीं है <br /><br />इस सुबह की आँखों में खुमारी है क्यों इतनी <br />इस शहर में तो कोई मैखाना भी नहीं है <br />Wah! Kya kamaal kaa likhte hain aap!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-57133530836730068392011-07-11T20:56:34.309+05:302011-07-11T20:56:34.309+05:30अद्भुत! अद्भुत!
हम तो इसे पढ़-पढ़ कर आनंद ले रहे ह...अद्भुत! अद्भुत!<br />हम तो इसे पढ़-पढ़ कर आनंद ले रहे हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-32339778452942836902011-07-11T20:53:28.985+05:302011-07-11T20:53:28.985+05:30अफ़सोस परिंदे यहाँ मर जायेंगे भूखे
इस बार किसी जा...अफ़सोस परिंदे यहाँ मर जायेंगे भूखे <br />इस बार किसी जाल में दाना भी नहीं है <br />अभी तो आगे पढ़ना बाक़ी है।<br />क्या बात कही भाई आपने।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-157526244490440130.post-89512837671374912992011-07-11T20:35:42.418+05:302011-07-11T20:35:42.418+05:30इक दिन की मुलाकात से गफलत में शहर है
सम्बन्ध मेरा...इक दिन की मुलाकात से गफलत में शहर है <br />सम्बन्ध मेरा उससे पुराना भी नहीं है <br /> क्या बात है ! बड़े दिनों बाद ,ओजश्वी गजल मिली पढ़ने को ,साधुवाद जी राय साहब ..../udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.com