Friday 13 May 2016

एक कविता -प्यार अकेले हो जाने का नाम है कवि -अज्ञेय

कवि -अज्ञेय 

महान कवि -सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय 

की  एक लघु कविता-

प्यार अकेले हो जाने का एक नाम है 

प्यार अकेले हो जाने का एक नाम है
यह तो बहुत लोग जानते हैं
पर प्यार 
अकेले छोड़ना भी होता है इसे
जो
वह कभी नहीं भूली
उसे
जिसे मैं कभी नहीं भूला ......नई दिल्ली 1980
[अज्ञेय संकलित कविताएँ -चयन और भूमिका नामवर सिंह प्रकाशक नेशनल बुक ट्रस्ट से 

चित्र /पेंटिंग्स गूगल से साभार 

4 comments:

  1. बहुत सुन्दर धन्यवाद

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (14-05-2016) को "कुछ जगबीती, कुछ आप बीती" (चर्चा अंक-2342) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. बहुत सुन्दर

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