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एक ग़ज़ल -ग़ज़ल ऐसी हो
चित्र साभार गूगल एक ग़ज़ल - कभी मीरा, कभी तुलसी कभी रसखान लिखता हूँ ग़ज़ल में, गीत में पुरखों का हिंदुस्तान लिखता हूँ ग़ज़ल ऐसी हो जिसको खेत ...
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चित्र -साभार गूगल एक गीत -कहीं देखा गाछ पर गाती अबाबीलें ढूँढता है मन हरापन सूखतीं झीलें | कटे छायादार तरु अब ...
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हिंदी त्रैमासिक पत्रिका 'अनभै साँचा 'का ग़ज़ल विशेषांक -एक नज़र साहित्य और संस्कृति की त्रैमासिक पत्रिका अनभै साँचा कल ड...
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चित्र साभार गूगल चित्र साभार गूगल मित्रों आप सभी को रंगों के पर्व होली की हार्दिक शुभकामनायें बुरा न मानो होली है यह सनातन पर बना रहे सभी ...
बहुत सुन्दर धन्यवाद
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (14-05-2016) को "कुछ जगबीती, कुछ आप बीती" (चर्चा अंक-2342) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteजय जय
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