Wednesday 12 March 2014

हिंदी की बेहतरीन ग़ज़लें -प्रकाशक भारतीय ज्ञानपीठ -एक अवलोकन

श्री रवीन्द्र कालिया
पूर्व निदेशक भारतीय ज्ञानपीठ 

अपने शानदार लेखन और बेजोड़ सम्पादकीय हुनर के लिए भारतीय ज्ञानपीठ के पूर्व निदेशक और नया ज्ञानोदय के पूर्व सम्पादक रवीन्द्र कालिया हमेशा याद किये जाते रहेंगे | डॉ धर्मवीर भारतीय के साथ धर्मयुग से लम्बे समय तक जुड़े रहने के बाद इलाहाबाद में कालिया जी ने गंगा -जमुना का सम्पादन कर पत्रकारों की एक पीठी तैयार किया | ज्ञानपीठ को सचल बनाया और इलाहाबाद आकर ज्ञानपीठ ने अमरकांत को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया |नया ज्ञानोदय के कई लोकप्रिय विशेषांक कालिया जी के संपादन में प्रकाशित हुए जिसमें युवा विशेषांक ,प्रेम महाविशेषांक और ग़ज़ल महाविशेषांक विशेष रूप से चर्चित रहे | ग़ज़ल महाविशेषांक में उर्दू हिंदी गजलकारों को साथ -साथ प्रकाशित किया गया | बाद में उर्दू की बेहतरीन ग़ज़लें किताब के रूप में हमारे सामने आ गयी |अब हिंदी की बेहतरीन ग़ज़लें पुस्तक रूप में हमारे सामने है |इस किताब के प्रधान सम्पादक रवीन्द्र कालिया और सम्पादक ज्ञानप्रकाश विवेक हैं |इस संग्रह में कुल 64 गजलकारों को सम्मलित किया गया है |अमीर खुसरो ,कबीर ,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ,बद्रीनारायण उपध्याय प्रेमघन ,प्रताप नारायण मिश्र ,स्वामी रामतीर्थ ,लाला भगवानदीन ,मैथलीशरण गुप्त ,जयशंकर प्रसाद ,निराला ,त्रिलोचन ,शमशेरबहादुर सिंह दुष्यंत कुमार ,बलवीर सिंह रंग ,शलभ श्रीराम सिंह ,रामावतार त्यागी ,हरजीत सिंह ,अदम गोंडवी सहित तमाम आधुनिक गजलकार [मैं भी ] इस संग्रह में शामिल हैं |हम भाई ज्ञानप्रकाश विवेक ,आदरनीय रवीन्द्र कालिया और भारतीय ज्ञानपीठ के आभारी हैं ग़ज़ल विधा पर इस सुन्दर संकलन के लिए |


पुस्तक का नाम -हिन्दी की बेहतरीन ग़ज़लें 
सम्पादक -रवीन्द्र कालिया 
प्रकाशक -भारतीय ज्ञानपीठ ,नई दिल्ली 
मूल्य -रु० -180 [सजिल्द ]


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