Saturday 10 November 2012

एक गीत -मैं दिया पगडंडियों का

चित्र -गूगल से साभार 
 आप सभी के लिए दीपावली मंगलमय हो 


एक गीत -मैं दिया पगडंडियों का 
आरती में 
और होंगे 
थाल में उनको सजाओ |
मैं दिया 
पगडंडियों का 
मुझे पथ में ही जलाओ |

सिर्फ दीवाली 
नहीं मैं 
मुश्किलों में भी जला हूँ ,
रौशनी को 
बाँटने में 
मोम बनकर भी गला हूँ ,
तम न 
जीतेगा हंसो 
फिर  रौशनी के गीत गाओ |

लौ हमारी 
खेत में ,
खलिहान में फैली हुई है ,
यह
हवाओं में  
नहीं बुझती ,नहीं मैली हुई है ,
धुआं भी 
मेरा ,नयन की 
ज्योति है काजल बनाओ |

गहन तम
में भी जगा हूँ 
नींद में सोया नहीं हूँ ,
मैं गगन के 
चंद्रमा की 
दीप्ति में खोया नहीं हूँ ,
देखकर 
रुकना न मुझको 
मंजिलों के पास जाओ |

राह में 
चलते बटोही की 
उम्मीदें ,हौसला हूँ ,
दीप का 
उत्सव जहाँ हो 
रौशनी का काफिला हूँ ,
ओ सुहागन !
मुझे आंचल में 
छिपाकर मत रिझाओ |
चित्र -गूगल से साभार 

15 comments:

  1. बहुत सुन्दर सामयिक उदभाव !

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  2. कल 11/11/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  3. बढिया जानकारी , दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  4. TUSHAR JI , SUNDAR NAV GEET KE
    LIYE AAPKO MUBAARAQ .

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  5. दीपक करने आ गए,धरती पर उजियार
    आलोकित संसार है, भाग रहा अंधियार.

    दीपावली की हार्दिक बहुत२ शुभकामनाए,,,,
    RECENT POST:....आई दिवाली,,,100 वीं पोस्ट,दीपावली की हार्दिक बहुत२ शुभकामनाए,,,,

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  6. बहुत सुन्दर रचना...
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
    :-)

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  7. आदरणीय अग्रज अरविन्द मिश्र जी ,अग्रज प्राण शर्मा जी ,भाई यशवंत जी ,मनु त्यागी जी ,भाई धीरेन्द्र जी और रीना जी आप सभी का आभार |साथ ही ज्योति पर्व दीपावली की शुभकामनायें |

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  8. प्रकाश पर्व के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  9. राह में
    चलते बटोही की
    उम्मीदें ,हौसला हूँ ,
    दीप का
    उत्सव जहाँ हो
    रौशनी का काफिला हूँ ,
    ओ सुहागन !
    मुझे आंचल में
    छिपाकर मत रिझाओ |
    ____________________

    सुन्दर

    ReplyDelete
  10. आदरनीय भाई मनोज जी प्रदीप जी एवं सभी ब्लोगर भाइयों और बहनों एवं मित्रों को दीपावली की शुभकामनायें |

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  11. बहुत सुन्दर भाव

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  12. राह कह दूँ एक की, जीवन सफल हो।

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  13. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
    मन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ

    ReplyDelete

  14. आरती में और होंगे थाल में उनको सजाओ
    मैं दिया पगडंडियों का मुझे पथ में ही जलाओ

    सिर्फ दीवाली नहीं मैं मुश्किलों में भी जला हूँ ,
    रौशनी को बाँटने में मोम बनकर भी गला हूँ ,
    तम न जीतेगा हंसो फिर रौशनी के गीत गाओ

    वाऽह ! क्या बात है !

    सुंदर भाव ! सुंदर शब्द !
    खूबसूरत गीत !

    साधुवाद एवं आभार …
    शुभकामनाओं सहित…

    ReplyDelete

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