युगीन काव्या की पचासवीं प्रस्तुति एक अद्भुत प्रेम विशेषांक
कैसा लगता है जब तेज धूप में माँ का आंचल सिर पर लहरा जाये ,कैसा लगता है जब प्रेयसी की आबनूसी जुल्फें चन्दन की महक लिए चेहरे को ढक कर उड़ जायें ,कैसा लगता है जब जेठ की तपती दोपहरी में रास्ते में अचानक गुलमोहर की छाँव मिल जाये ?यह सब वैसा ही लगता है जैसे तपती धरती पर रिमझिम बारिश की बूंदों का गिरना |इस उदास मौसम में जाने -माने सम्पादक एवं शायर हस्तीमल हस्ती के सम्पादन में मुंबई से प्रकाशित युगीन काव्या का बिलकुल ताजा प्रेम विशेषांक डाक से आज हमें प्राप्त हुआ है | हस्तीमल हस्ती देश के जाने -माने शायर और एक बेहतरीन सम्पादक भी हैं |विगत दशकों में हस्ती जी युगीन काव्या के लगभग पचास अंक प्रकाशित कर चुके हैं |यह वही हस्तीमल हस्ती हैं जिनकी गज़लों को महान गज़ल गायक जगजीत सिंह जी ने अपना रेशमी सुर दिया है |मुंबई जैसे आपाधापी वाले शहर में या माया नगरी में कविता की बात करना वह भी प्रेम की ऐसा वही शायर /कवि कर सकता है जिसने लिखा हो नये परिंदों को उड़ने में वक्त तो लगता है /प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है |हस्तीमल हस्ती एक उच्चकोटि के शायर सम्पादक ही नहीं वरन एक बेहतरीन इंसान भी हैं |जब समाज में हिंसा -प्रतिहिंसा का दौर चल रहा हो इंसान शब्द से दूर होता जा रहा होआखिर तब इस शायर ने एक अद्भुत प्रेम विशेषांक निकालने की आवश्यकता क्यों महसूस किया ?शायद इसलिए कि प्रेम के अनगिन रंग होते हैं ,यह शाश्वत होता है यह जिस्मानी रूहानी से लेकर अध्यात्म तक जाता है |यह शायरों की शायरी में सूफियों के कलाम में बच्चों की तोतली जुबान में ,प्रेयसी की मुस्कान ,माँ की ममतामयी गोंद में ,यह अपने चरमोत्कर्ष पर ईश्वर या खुदा हो जाता है |आईये हम भी पड़ताल करें इस अद्भुत प्रेम विशेषांक की |
इस प्रेम विशेषांक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें कई भारतीय भाषाओं के कवियों /शायरों को सम्मिलित कर सम्पादक ने भारत की साझा सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजने का काम किया है |डोंगरी भाषा से उषा व्यास और लक्ष्मी टगोत्रा कश्मीरी से दीनानाथ नादिम ,पंजाबी से राजिन्द्र राजी सतिंदर सिंह नूर अमृता प्रीतम ,नेपाली से मन प्रसाद सुब्बा मैथिली से जीवकांत सुब्बा बांग्ला से रविन्द्रनाथ ठाकुर [अनुवाद अज्ञेय ] गुजराती से रमेश पारेख ,कमल वोरा ,पन्ना नायक ,मराठी से मंगेश पडगांवकर ,गोविंदाग्रज ,नारायण सुर्वे ,कुसुमाग्रज ,शांता ज० शेलके प्रशांत असनारे ओड़िया से नरेंद्र साहू तेलगू से जे० बापू रेड्डी डॉ० आर० वी० एस० सुन्दरम श्री वसवराजू अप्पाराव तमिल से एन० गुरुमूर्ति सी० कणिकंठन मलयालम से सिविक चंद्रन, कुज्जुनी उर्दू से अमीर खुसरो ,नजीर ,हसन आबिद सुदर्शन फाकिर अहमद फ़राज़ बाजुद्दीन बाज़ फारुक जायसी राजेन्द्र नाथ रहबर कतील शिफ़ाई आदिम हाशिमी शकील बदायूँनी जेहरा निगाह ,नूह नारवी अली सरदार जाफरी कैसर उल जाफरी शमीम कुरहानी ,मेहँदी हुसैन नासिरी नासिर काज़मी सुल्तान अहमद परवीन शाकिर अहमद वसी नईम साहिल जाँ निसार अख्तर और एक जापानी कविता का भावानुवाद भी शामिल है |
हिन्दी के महत्वपूर्ण और कालजयी कवियों को भी स्थान दिया गया है उनमें प्रसाद, निराला ,पंत अज्ञेय ,शमशेर बहादुर सिंह ,गोपाल सिंह नेपाली ,नागार्जुन ,बच्चन ,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना केदारनाथ सिंह दुष्यंतकुमार ,उमाकांत मालवीय ,भारत भूषण ,गोपाल दास नीरज आदि हैं |इलाहाबाद से स्मृति शेष कवि उमाकांत मालवीय ,भाई यश मालवीय ,अंशु मालवीय ,कौशलेन्द्र प्रताप सिंह और मेरी कविताएं /गीत शामिल हैं |संग्रह में गीत ,गज़ल ,छंद मुक्त कविता ,नज्म सभी को उदारता से स्थान दिया गया है |यह बेमिसाल विशेषांक संग्रह के योग्य है |पुस्तक का आवरण और साजसज्जा दोनों ही खूबसूरत हैं |आप बोर न हो जायें इसलिए कुछ चुनिंदा शेर इसी अंक से आप तक पहुंचा रहे हैं -
आहट सी कोई आये तो लगता है कि तुम हो
साया कोई लहराए तो लगता है कि तुम हो
जब शाख कोई हाथ लगाते ही चमन में
शर्माए ,लचक जाए तो लगता है कि तुम हो [जाँ निसार अख्तर ]
इश्क कर लेता है तकमीले -सफर चुपके से
देखती जब है मुझे तेरी नजर चुपके से
लाख तू अपनी मुहब्बत को छुपा ले दिल से
हो ही जाती है जमाने को खबर चुपके से [नईम साहिल ]
इक न इक रोज तो रुखसत करता
मुझसे कितनी ही मुहब्बत करता
मेरे लहजे में गुरुर आया था
उसको हक था कि शिकायत करता [परवीन शाकिर ]
रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ [अहमद फराज ]
किया है प्यार जिसे हमने जिन्दगी की तरह
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह [कतील शिफाई ]
[इस संग्रह में एक बड़ी भूल की ओर हस्तीमल हस्ती जी ने संकेत किया है हिन्दी के सुविख्यात गीत कवि माहेश्वर तिवारी जी का गीत रमा सिंह के नाम से प्रकाशित हो गया है |हस्ती जी इस भूल को सुधार लेंगे |
पुस्तक का नाम -युगीन काव्या [प्रेम विशेषांक ]सम्पादक -हस्तीमल हस्ती
सम्पर्क -२८ ,कलिका निवास ,नेहरु रोड /पोस्ट आफिस के सामने
सांताक्रूज [पूर्व ]मुंबई -४०००५५ फोन -022-26122866