चित्र -गूगल सर्च इंजन से साभार |
यह वर्ष बेमिसाल है होली मनाइये
हर शख्स तंग हाल है होली मनाइये
मनमोहनी हंसी ने रुलाकर के रख दिया
सौ रूपये में दाल है होली मनाइये
कुर्सी महल कलमाड़ी के हिस्से में दोस्तों
अपने लिए पुआल है होली मनाइये
रंगों में है घोटाला मिलावट अबीर में
महँगा भले गुलाल है होली मनाइये
फागुन भी कटघरे में बसंती भी जेल में
मौसम भी ये दलाल है होली मनाइये
राहुल जी राज छोड़के घरवाली लाइए
ये उम्र का सवाल है होली मनाइये
भारी है पेट गडकरी गुझिया न खाइए
पार्टी का खस्ता हाल है होली मनाइये
अबकी कैटरीना कैफ भी होली के मूड में
सादा बस एक गाल है होली मनाइये
हाथों में ले अबीर अमर सिंह न बैठिये
घर में भले बवाल है होली मनाइये
बहुमत में लौटकर के बहिन जी फिर आइये
हाथी का सब कमाल है होली मनाइये
राधा शहर में बस गयी कान्हा विदेश में
बरसाने में अकाल है होली मनाइये
सत्ता का चेहरा हो गया पीला तो क्या हुआ
जनता का चेहरा लाल है होली मनाइये
पाले में नंगा जिस्म ले मरता रहे किसान
मस्ती में लेखपाल है होली मनाइये
जंगल का हाल उड़ते परिंदों से पूछिए
गिरवीं हरेक डाल है होली मनाइये
पी करके भाँग सो रही संसद विधायिका
अपना किसे खयाल है होली मनाइये
चित्र -गूगल सर्च इंजन से साभार |
बहुत सुन्दर गज़ल..हरेक शेर बहुत सार्थक और सटीक..
ReplyDeleteउम्दा ग़ज़ल लिखी है tushar ji ...
ReplyDeleteपाले में नंगा जिस्म ले मरता रहे किसान
ReplyDeleteमस्ती में लेखपाल है होली मनाइये
मनानी तो पडेगी, देश के हालात पर रोकर या हँसकर, कैसे भी?
रंगों में है घोटाला मिलावट अबीर में
ReplyDeleteमहँगा भले गुलाल है होली मनाइये ..
कैसे मनाएँ ऐसे में होली ... आप ही बताइए ...
for holi kee gajal .thanks
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